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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि : यह मंत्र दिन में तीन बार १०८ बार जपने से व्यापार में लाभ हो, सर्वत्र जय हो।
__(46) सर्व समृद्धि के लिए मंत्र (1) ॐ ह्रीँ श्री अनंतानंत परमसिद्धेभ्यो सर्व शांति कुरु कुरु ह्रीं फट् नमः। (2) ॐ ह्रीं श्री अनंतानंत परम सिद्धेभ्यो नमः। (3) ॐ ह्रीं नमः। (4) ॐ नमः सिद्धेभ्यः । (5) शुभंकरोति कल्याणं आरोग्यं धन सम्पदा।
शत्रु बुद्धि विनाशाये, दीपो ज्योति नमोऽस्तुते॥ विधि-इन मंत्रों में से किसी भी मंत्र की सवा लाख जाप कर मंत्र को सिद्ध करा लें, फिर
मंत्र की प्रतिदिन १०८ बार जाप करें । (6) समृद्धि कारक मंत्र- ॐ श्रिये श्रीकरि धनकरि धान्यकरि पुष्टिकरि वृद्धिकरि
अविघ्नकरि ठः ठः। विधि- शुभ मुहूर्त में शुरुकर एक लाख जाप करें तथा वसुधारण आदि स्थान करें तो दुख दारिद्रय और सब रोगों से छुटकारा होय।
(47) शान्ति मंत्र (1) शान्ति मंत्र : ऊँ ह्राँ अर्हद्भ्यः स्वाहा, ऊँ ह्रीं सिद्धेभ्यः स्वाहा, ॐ हूँ आचार्येभ्यः
स्वाहा, ऊँ ह्रौं पाठकेभ्यः स्वाहा, ऊँ ह्रः सर्वसाधुभ्यः स्वाहा। विधि : कार्य सिद्धि तक प्रतिदिन १०८ बार जपे। (३) शान्ति मंत्र-ॐ ह्रीं प्रत्यंगिरे ममस्वस्ति शान्ति कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- मंत्र के स्मरण मात्र करने से सर्व प्रकार की शान्ति होती है। (4) शान्ति मंत्र-ॐ नमोऽर्हते भगवते प्रक्षीणाशेष दोष कल्मषाय, दिव्य तेजो मूर्तये श्री
शान्तिनाथाय शान्तिकराय सर्वविघ्न प्रणाशनाय,सर्व रोगापमृत्यु विनाशनाय. सर्व परकृत क्षुद्रोपद्रव विनाशनाय, सर्वक्षाम डामर विघ्न विनाशनाय, ॐ ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं:ह:
अ सि आ उ सा नमः । मम सर्व शान्ति कुरु-कुरु स्वाहा। (5) शान्ति मंत्र लघु -ॐ ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं:ह: अ सि आ उ सा नमःसर्व शान्ति पुष्टि कुरु
कुरु स्वाहा। विधि- त्रिकाल जाप करें अपूर्व शान्ति प्राप्त होगी। (6) सर्व शान्ति करण मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ असि आ उ सा नम: सर्व विघ्न शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
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