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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर १२५००० जाप होने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। लक्ष्मी प्रसन्न होती है। फिर प्रतिदिन एक माला फेरें। बड़ा श्रेष्ठ मंत्र है। ( 25 ) लक्ष्मी-प्राप्ति मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं, ॐ णमो सिद्धाणं, ॐ णमो आइरियाणं, ॐ णमो उवज्झायाणं, ॐ णमो लोए सव्व साहूणं,। विधि- प्रातः सूर्योदय से एक घंटा पहले उठकर सर्व प्रकार की शुद्धि करके पीले वस्त्र तथा पीली माला और पीला आसन लेकर बैठे। पूर्व दिशा में मुख करके इस मंत्र की एक माला फेरें। फिर आसन पर बैठे हुए उत्तर दिशा में मुख करके एक माला फेरें। फिर पश्चिम दिशा में, फिर दक्षिण दिशा में तथा वापस पूर्व दिशा में मुख करके माला पूर्ण करें-इस प्रकार चारों दिशा में पाँच माला फेरने से छह महीने में ही विपुल सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। यदि छह महिने तक एकासन करके जप किया जाय तो आश्चर्यजनक प्रभाव होता है। यह रहस्य "नवकार महिमा छन्द" में कुशलतम वाचक ने इस प्रकार बताया है पूरब दिशि चारे आदि प्रपंचे, समर्या संपत्ति सार। सद्गुरु ने सन्मुख विधि समरतां सफल जनम संसार॥ ( 26 ) लक्ष्मी प्रप्ति- ॐ हीं श्रीं क्लीं ब्लू ऐं महालक्ष्म्यै नमः (स्वाहा) ( 27 ) द्रव्य प्राप्ति मंत्र- ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं मम ऋद्धि-वृद्धि समीहितं कुरु कुरु स्वाहा। विधि- १२५०० जाप करे फिर बाद में १०८ बार रोज जाप करें। (28) सर्व सम्पदादिक प्राप्त मंत्र : ऊँ ह्रीं श्रीं हर हर स्वाहा। विधि : श्री पार्श्वनाथ भगवान के सामने १०८ सफेद पुष्पों से तीन दिन जपने से सर्व सम्पदा की प्राप्ति होय। लेकिन तीनों दिन नये पुष्प लें। (44) ऋण मोचन मंत्र) (1) ऋण मोचन मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं गं ओ गं नमो संकट कष्ट हरणाय, विकट दुख निवारणाय, ऋणमोचनाय स्वाहा। विधि- शुभ दिन से शुरु करके प्रति दिन १० माला जाप करें। (2) दीपावली कर्ज मुक्ति मंत्र- ओं ह्रीं श्रीं क्लीं क्रौं ॐ घंटाकर्ण महावीर लक्ष्मी पूरय-पूरय सुख सौभाग्यं कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- दीपावली को सफेद वस्त्र, सफेद आसन, सफेद माला का उपयोग करें व व्यापार वृद्धि मंगल कलश की स्थापना करें। घी का दीपक जलाएं उत्तर दिशा को मुंह करके 11 दिन जाप करें तो वह वर्ष निश्चित ही कर्ज मुक्ति हो। - 139
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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