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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर होनहार होगा स्वप्न द्वारा मालूम हो जाएगा। पहले गुरूवार को ११०० मंत्र जप लें । ( 14 ) स्वप्न में शुभाशुभ कथन मंत्र ॐ णमो अरिहा ॐ भगवउ बाहुबलीस्सय समणस्स अमले विमले निम्मल नाण पयासिणी ॐ णमो सव्व भाई अरिहा सच्च भासई केवलीणं एं एणं सच्च वयणेणं सच्च होउ में स्वाहा । विधि - इस मंत्र का ध्यान रात्रि के समय खड़े-खड़े कायोत्सर्ग में करें। नींद आए, उस समय भूमि पर सो जाएं। इससे स्वप्न में शुभाशुभ का भान होता है। (15) शुभाशुभ स्वप्न में मालूम मंत्र: ऊँ ह्रीं अर्हं क्ष्वीं स्वाहा । विधि - ललाट पर चन्दन का तिलक करके इस मंत्र की एक माला फेरकर सो जाएं तो स्वप्न में प्रश्न का उत्तर मिलेगा। एक रात्रि में वैसा न हो तो तीन रात्रि तक वह प्रयोग चालू रखें। (प्रकारान्तर से ) (33) दर्पण में देखते उत्तर मिले (1) दर्पण में देखते उत्तर मिले- ॐ नमो मेरू महामेरू ॐ नमो गौरी महागौरी ॐ नमो काली महाकाली ॐ नमो इंद्रे महाइंद्रे ॐ नमो जये महाजये ॐ नमो विजये महा विजये ॐ नमो पव्वसमणि महापव्वसमणि अवतर अवतर देवि अवतर अवतर स्वाहा । ध्यान मंत्र : ( 34 ) श्री पंचांगुली देवी का मंत्र ॐ पंचागुली महादेवी श्री सीमन्दर शासने । अधिष्ठाती करस्यासौ, शक्तिः श्री त्रिदशेशितुः ॥ (1 ) मंत्र : ओं नमो पंचागुली पंचागुली परशरी परशरी माता मयंगल वशीकरणी लोहमय दंडमणिनी चौसठ काम विहंडनी रणमध्ये राउलमध्ये शत्रुमध्ये दीवानमध्ये भूतमध्ये प्रेतमध्ये पिशाचमध्ये झोटिंगमध्ये डाकिनीमध्ये शाकिनीमध्ये यक्षिणीमध्ये दोषेणीमध्ये शेकनीमध्ये गुणीमध्ये गारूडीमध्ये विनारीमध्ये दोषमध्ये दोषाशरण मध्ये दुष्टमध्ये घोर कष्ट मुझ उपरे बुरो जो कोई करावे जड़े जड़ावे तत चिन्ते चिन्तावे तस माथे श्री माता श्री पंचांगुली देवी तणे वज्र निर्धार पड़े ऊँ ठः ठः ठः स्वाहा। विधि : कार्तिक मास में जब हस्त नक्षत्र प्रारम्भ हो, उस दिन से साधना प्रारम्भ करें । मार्गशीर्ष के हस्त नक्षत्र में पूर्ण करें। प्रतिदिन एक माला का जाप करें। जाप शुरू करने से पहले ध्यान मंत्र का एक बार उच्चारण करें, फिर जाप शुरू करें, जाप के बाद नित्य पंच मेवा की दस आहुतियों से अग्नि में हवन करें। इस प्रकार साधना करने से मंत्र 123
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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