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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- अनेन मंत्रेण आजानु जल महये प्रविश्य १०८ कनेर का फूल जपिये चन्दन, केशर,
कपूर, कस्तूरी सूं हाथ लेप कीजे अग्र दीजे सफेद घोड़े चढ़ी कन्या दीखे जो पूछो
सो कहे। (6) ॐ अरिहंते उत्पत्ति स्वाहा। विधि- मंत्र का एक लाख जाप करने पर सिद्ध होता है। इस विद्या का नाम त्रिभुवन
स्वामिनि विद्या है। सिद्ध हो जाने पर विद्या से जो पूछो वह सब कहेगी। (7) स्वप्न में भविष्य फल ज्ञान होय मंत्र- ॐ द्रां क्लीं द्रां द्रां द्रं स्वाहा। विधि-स्वप्न में दर्शन होवे और भूत भविष्य का ज्ञान होवे। (8) स्वप्न मातंगी मंत्र- ॐ नमः स्वप्न मातंगिनि सत्य भाषिणी स्वप्नं दर्शय-दर्शय
स्वाहा। विधि- साधक को दिन रात बिना जल पिये रहना चाहिए तथा रात्रि को मात्र १०८ बार मंत्र
को जपकर वहीं पर सो जायें, तो उसी रात्रि को स्वप्न में प्रश्न का उत्तर मिल जाता है। (9) स्वप्न में आवाज आने का मंत्र- ॐ ह्रीं क्ष्वीं स्वाहा। विधि- ललाट पर लाल चंदन लगाकर इस मंत्र की १ माला फेरकर सो जाएं तो प्रश्न का
उत्तर मिलेगा। एक रात्रि में ऐसा न हो, तो ३ रात्रि तक ऐसा ही करें। (10) स्वप्न फल दायकमंत्र- ॐ ह्रीं स्वप्न चक्रेश्वरी! मम कर्णे अवतर-अवतर सत्यं
वद-वद स्वाहा। विधि- इस मंत्र की १०८ बार जाप करना चाहिए। (11) स्वप्न में शुभा शुभ कहे मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कर्ण पिशाचिनी पद्मावती देव्यै
मम शुभशुभं कथय-कथय स्वाहा। विधि- इस मंत्र की १०८ बार जाप करना चाहिए। (12) स्वप्नेश्वरी मंत्र- ॐ विश्वमालिनी विश्वप्रकाशिनी मध्यरात्रौ सत्यं अमुकस्य
वद-वद प्रकटय प्रकटय श्रीं ह्रीं हूं फट् स्वाहा। विधि- सिंगरफ, कालीमिर्च और स्याही एकत्र करके कागज पर लिखकर वह कागज
तकिये के नीचे रखकर सो जायें, तो स्वप्न में सब मालूम हो जाएगा। विशेष- एक माला मंगलवार या रविवार को इस मंत्र की जाप करें यदि सफलता न मिले
तो तीन दिन करें। ( 13 ) स्वप्न में आवाज आने का अर्ह मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ क्ष्वीं स्वाहा। विधि : रात्रि में मस्तक पर चन्दन लगाकर १०८ बार यह मंत्र पढ़कर सो जावें। जैसा कुछ
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