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मंत्र यंत्र और तंत्र
मंत्र अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
( 24 ) नवग्रह शान्ति हेतु विशेष मंत्र
(1) सूर्य - ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय नमः, अथवा ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं । विधि - लाल वस्त्र, लाल माला, लाल आसन, लाल फूल आदि से पूर्व दिशा की ओर मुँह करके १०८ माला जपें तो सूर्य ग्रह पीड़ा शान्त होगी ।
( 2 ) चंद्र - ॐ ह्रीं श्री चन्द्रप्रभु जिनेन्द्राय नमः, अथवा ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं । विधि - उत्तर दिशा की ओर मुँह करके सफेद वस्त्र धारण कर सफेद माला, सफेद आसन से दस हजार जाप करें तो चन्द्र ग्रह पीड़ा शान्त होय ।
(3) मंगल - ॐ ह्रीं श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
विधि - पूर्व दिशा की ओर मुँह करके लाल वस्त्र, लाल माला, लाल आसन से दस हजार जाप करें तो मंगल ग्रह पीड़ा शान्त होय । ( 4 )
बुध - ॐ ह्रीं श्री शान्तिनाथ जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं । विधि - उत्तर दिशा की ओर मुँह करके नीले वस्त्र, नीली माला, नीले आसन से दस हजार जाप करें तो बुध ग्रह पीड़ा शान्त होय ।
(5) गुरु - ॐ ह्रीं श्री वृषभनाथ जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो आइरियाणं
विधि - उत्तर दिशा की ओर मुँह करके पीले वस्त्र, पीली माला, पीले आसन से जाप करें तो लाभ होय ।
( 6 ) शुक्र - ॐ ह्रीं श्री पुष्पदन्त जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं । विधि - उत्तर दिशा की ओर मुँह करके श्वेत वस्त्र, श्वेत आसन, श्वेत माला से जाप करें तो लाभ होय ।
(7) शनि - ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं । विधि - पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके आसमानी वस्त्र, आसमानी आसन, आसमानी माला से जाप करें तो शनि ग्रह पीड़ा से शान्ति मिले ।
( 8 ) राहु- ॐ ह्रीं श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो लोए सव्व साहूणं । विधि - पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके आसमानी वस्त्र, आसमानी आसन, आसमानी माला से जप करें तो राहु ग्रह पीड़ा से शान्ति मिले ।
(9) केतु- ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नमः, या ॐ ह्रीं णमो लोए सव्व साहूणं, विधि - पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके नीले वस्त्र, नीली माला, नीले आसन से दस हजार जाप करें तो केतु ग्रह पीड़ा से शान्ति मिले।
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