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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- इस मंत्र को २४ हजार फूलों से जपना चाहिए। एक पुष्प पर एक जाप करें। इससे
पुत्ररत्न, धन-दौलत, मकान और सर्व सम्पत्ति प्राप्त होती है। दूसरी विधि- शुभ नक्षत्र, शुभ दिन में पुत्रजीवा की माला से डाभ के आसन पर पूर्वाभि
मुख बैठ कर, दीप जलाकर १२५० माला जाप करें तो अवश्य ही पुत्र हो। जाप के
समय संयम से रहें और भूमि शयन करें। (5) ॐ ह्रीं पुत्र सुख प्राप्ताय श्री आदिनाथ जिनेन्द्राय नमः। विधि- श्री जिनेन्द्र प्रभु के सामने ५ माला जपें और प्रत्येक सोमवार को भगवान को
बादाम चढ़ावें, तो पुत्र प्राप्ति होती है। (6) ॐ ह्रीं अ सि आ उ सा ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं ह्र: मम सुपुत्रं सुखारोग्यं देहि-देहि सर्वा ऐश्वर्य
युक्तं उत्पादय-उत्पादय नमः (स्वाहा)। विधि- इस मंत्र की २१ दिन तक १-१ माला जपें तो सन्तान की प्राप्ति होती है। (7) संतान प्राप्ति मंत्र- ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं पुत्रकर पद्मावत्यै नमः । विधि- शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से पुत्रजीवा की माला से नित्य त्रिकाल जाप करें अवश्य ही
पुत्र प्राप्ति होगी। (8) नारियल द्वारा पुत्र-प्राप्ति का मंत्र- ऐं नमः ॐ नमो भगवती पद्म ह्रीं क्लीं ब्लू
त्रिट-त्रिट (अमुक) स्त्री अपत्य हिनाय अपत्य गुण क्षय, सर्वांवयव (सर्वंअवयव) संयुक्त शोभन सुन्दर दीर्घायु पुत्रं देही-देही, मा विलम्बय -विलम्बय, रां ह्रीं
पद्मावतीं मम कार्य कुरु कुरु स्वाहा ठः ठः ठः स्वाहा। विधि- इस मन्त्र को एक सौ आठ बार नारियल पर जपें। तत्पश्चात् अभिमन्त्रित नारियल
ऋतु धर्म के पश्चात् शुद्ध होने पर स्त्री को खिलावें, तो पुत्र अवश्य प्राप्त होगा।
यह अनुभूत मंत्र है। (9) पुत्र प्राप्ति मंत्र : ऊँ णमो अरहंताणं केवली पण्णत्तो धम्मो सरणं पव्वज्जामिं ह्रौं
शान्ति कुरु कुरु स्वाहा। श्री अहँ नमः। विधि : बिजौरा अथवा नारियल को इस मंत्र से १०८ बार मंत्रित कर बंध्या को खिलावें
तो पुत्र हो अथवा नये कपड़े मंत्र से मंत्रित कर रोगी को उढ़ावे तो दोष ज्वर जाये। (10) गर्भ स्तम्भन तंत्र “ॐ ह्रीं गर्भधारिणी गर्भस्तम्भनं कुरु कुरु स्वाहा। महिला २१
दिन तक १-१ माला फेरें। शिवलिंगी के बीज ९-९ दिन तक लें तो नियम से
गर्भ रहे। ( 11 ) गर्भ धारण करने के लिए मंत्र- ॐ नमः पार्श्व जिनेन्द्राय कमठ दर्प विध्वंस नाय
सर्वोपसर्ग विनाशनाय धरणेन्द्र फणा मणि सहस्र ज्योति दीप्त दिगंतराल परिमंडिताय
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