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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर समीहितं कुरु कुरु स्वाहा। विधि- १२०० ऋद्धि मंत्र का जाप करने से सम्पत्ति का लाभ होता है। (9) कन्या प्राप्त होय मंत्र (1) ॐ विश्वावसु नाम गंधर्व कन्या नामाधिपति सरूपा सलक्षान्त देहि मे नमस्तस्मै विश्वावसवे स्वाहा। विधि-७ अंजुलि जल लेकर मंत्र स्मरण करें। १००० जाप कीजे फिर नित्य १०८ बार पढ़ें। १ माह में कन्या अवश्य प्राप्त होय। (2) ॐ कमले भद्रहासे रोहिणी मोचनि कन्येयं में भर्या भवतु ठः ठः। विधि-१० हजार जप से सिद्ध करके मधु में ही किये हुए कनेर के फूल से १ हजार होम करने से कन्या की प्राप्ति होती है। (3) ॐ ह्रीं काम वर्ग सिद्धि साधन करण समर्थय श्री शान्तिनाथाय नमः । विधि-त्रिकाल जाप करें, परमात्मा पर श्रद्धा करें तो सफलता अवश्य मिले। (10) संतान प्राप्ति मंत्र (1) सन्तान उत्पन्न मंत्र- (अ) ॐ भोमाय भूमि पुत्राय मम गर्भं देहि देहि स्थिर स्थिर माचल ॐ क्रां क्रीं क्रौं फट् स्वाहा। विधि-मंगलवार के दिन कुमारी कन्या को भोजनादि वस्त्र देकर के संतुष्ट करें फिर इस मंत्र का १ माह में ५०००० जाप करें किन्तु मंगलवार को ही जाप शुरू करना चाहिए और जीवन पर्यन्त प्रत्येक मंगलवार को ब्रह्मचर्य का व्रत पालें और एकासन करें तो निःसन्देह सन्तान उत्पन्न होती है। (2) ॐ ह्रीं श्रीं सिद्ध बुद्ध माला अम्बिके मम सर्वां सिद्धि देहि देहि ह्रीं नमः । विधि-पुत्र की इच्छा रखने वालों को नित्य ही १०८ बार स्मरण करना चाहिए। (3) ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अहँ अ सि आ उ सा नमः। विधि-सूर्योदय से १० मिनिट पूर्व, उत्तर दिशा में, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, ऊर्ध्व, अधो दिशाओं में क्रमशः २१-२१ बार जाप करें। पुनः १० माला फेरें, मध्याह्न में १० माला, सायं १० माला जपें। पुनः स्वप्न आयेगा तब मयूर पंख की चांद-२, शिवलिंगी के बीज १ ग्राम, दोनों को बारीक करें, ३ ग्राम गुड़ में मिलाकर रजोधर्म की शुद्धि होने पर खिलावें तो पहले या दूसरे माह में ही कार्य सिद्ध हो जायगा अर्थात् पुत्रोत्पत्ति होगी। (4) ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं अ सि आ उ सा चुलु चुलु हुलु हुलु मुलु मुलु इच्छियं मे कुरु कुरु स्वाहा। 105
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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