________________
मंत्र यंत्र और तंत्र
मंत्र अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
मंत्र
२. ॐ अस्मिन् बिम्बे मलरहितत्व गुणो विलसतु स्वाहा ।
३. ॐ अस्मिन् बिम्बे क्षीरवर्णरुधिरत्व गुणो विलसतु स्वाहा । ४. ॐ अस्मिन् बिम्बे समचतुरस्रसंस्थान गुणो विलसतु स्वाहा ।
५. ॐ
अस्मिन् बिम्बे वज्रवृषभनाराच संहनन गुणो विलसतु स्वाहा । अस्मिन् बिम्बे अद्भुतरूप गुणो विलसतु स्वाहा ।
६. ॐ
७. ॐ
अस्मिन् बिम्बे सुगंधित शरीर गुणो विलसतु स्वाहा ।
८. ॐ अस्मिन् बिम्बे अष्टोत्तरसहस्र लक्षण व्यंजनत्व गुणो विलसतु स्वाहा।
९. ॐ अस्मिन् बिम्बे अतुलबलवीर्यत्व गुणो विलसतु स्वाहा ।
१०. ॐ अस्मिन् बिम्बे हितमितप्रिय वचनत्व गुणो विलसतु स्वाहा । (५) नीचे लिखा मंत्र पढ़कर प्रतिमाजी का स्पर्श करें व वर्द्धमान यंत्र सामने स्थापित
करें ।
ॐ णमो भयवदो वड्ढमाणस्स रिसहस्स जस्स चक्कं जलंतं गच्छइ आयासं पायालं लोयाणं भूयाणं जये वा विवादे वा थंभणे वा मोहणे वा सव्वजीवसत्ताणं अपराजिदो भवदुमे रख रक्ख स्वाहा ।
(६) तीर्थंकर का नामकरण मंत्र पढ़कर पुष्प क्षेपण करें
मंत्र - ॐ अयं महानुभावः परमेश्वरोयजमानामि मतेननाम्ना वृषभेश्वरो भवतु (इन्द्रेण वक्तव्यम्) वृषभेश्वरो भवतु ।
सिद्ध, चारित्र, तीर्थंकर एवं शांतिभक्ति पढ़ें ।
विधिपूर्वक पाण्डुक शिला पर जन्माभिषेक करें, तत्पश्चात् आरती करें।
जन्मकल्याणक की पूजा करें तथा जिन तीर्थंकर की प्रतिष्ठा कर रहे हैं उन-उन तीर्थंकर के जन्म कल्याणक के अर्घ चढ़ाएं।
जैसे - ॐ ह्रीं चैत्रकृष्ण नवम्यां जन्म कल्याणक प्राप्त श्री ऋषभनाथ जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
(७) प्रतिमाजी के सामने मंत्र पढ़कर भोगोपभोग वस्तु की स्थापना करें।
मंत्र - ॐ अस्मै भगवते भोगोपभोग पदार्थानि स्थापयामि तानि गृहाण - गृहाण स्वीं इवीं क्ष्वीं क्ष्वीं हंसः स्वाहा ।
(८) मंत्र पढ़कर बालक्रीड़ा बालकों पर पुष्प क्षेपण करें
ओं त्रायस्त्रिंशदेवभावस्थापनार्थं कुमारेषु पुष्पाक्षतं क्षिपेत् । (६) नीचे लिखे मंत्र पढकर वस्तुओं पर पुष्पा से बढकर है।
230