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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- ऋद्धि-मंत्र आराधना से दुखों का नाश सुख की प्राप्ति होती है। २५.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो उग्गतवाणं । मंत्र- ॐ थम्मेई थम्मेई जल जलण घोरुवसग्गं पणासेउ स्वाहा। विधि- २१दिन तक ऋद्धि मंत्राराधना से सब विपत्तियों से छुटकारा मिलता है। २६.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो दित्ततवाणं। मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ णमो अरिहंताणं धणुं धणुं महाधणुं स्वाहा। विधि- २७दिन तक प्रतिदिन १००० जप से चोर और डाकुओं का भय जाता रहता है। २७.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो महातवाणं। मंत्र- ॐ णमो भगवते श्रीमते जय विजय विमोहय विमोहय सर्व सिद्धि सौख्यं कुरु कुरु
स्वाहा। विधि- ऋद्धि मन्त्राराधना से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। २८.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अ6 णमो घोरतवाणं। मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं अ सि आ उ सा चुलु चुलु हुलु हुलु मुलु मुलु कुलु कुलु इच्छियं
मे कुरु कुरु स्वाहा। विधि- ४२दिन तक प्रतिदिन १०८ बार जप से सब मनोरथ सिद्ध होते हैं। २९.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो वंभचारिणं । मंत्र- ॐ णमो ह्रां ह्रीं हूं ह्र: क्ष्वी सर्वरोगनिवारणं सर्वदोषहारणं कुरु कुरु स्वाहा। विधि- २१सप्ताह तक लगातार सोम-बुध-शुक्र रविवार के दिन में प्रात: १०८ जप से सब
रोग-दोषों का विनाश होता है। ३०.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो घोरगुणाणं परक्कमाणं । मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्ष्वी अरिहंत सिद्ध आयरिय उवझं सव्व साहूणं। विधि- नित्य आराधन से अलौकिक विभूति प्राप्त होती है। आन्तरिक वेदनाओं का विनाश होता
३१.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो सव्वोसहिपत्ताणं। मंत्र- ॐ ह्रीं क्लीं क्ष्वीं ऐं ह्मों पद्मावत्यै नमो नमः श्री स्वाहा। विधि- सश्रद्धा २१दिन तक प्रतिदिन १०८ जप से आराधन करके कच्चे सूत के धागे को
मंत्रित कर कमर में बाँधने से असमय में गर्भ नहीं गिरता। ३२.ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो खिल्लोसहिपत्ताणं। मंत्र- ॐ ह्रीं अ सि आ उ सा सर्वदुष्टान् स्तम्भय २ मोहय २ अंधय अंधय मूकवत्कारय
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