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संपूर्ण-सात्विक खाद पान पत्ती, घास-फूस- कपास, अरहर-ज्वार के डंठल, भूस, गोबर, गोमूत्र, हड्डी, खली आदि सेंद्रिय वस्तु से बनाये खाद को सेंद्रिय खाद कहते हैं। खनिज-पेट्रोल आदि से बनाये गये यूरिया-फॉस्फेट-पोटाश आदि खाद रासायनिक खाद के नाम से जाने जाते हैं।
सेंद्रिय खाद से फसलों के लिये आवश्यक नत्र, स्फूरद, पलाश इन तीन तत्वों के साथ-साथ तेरह सूक्ष्म द्रव्य भी प्राप्त होते हैं। जबकि रासायनिक खादों में सूक्ष्म द्रव्यों का अभाव होने से उन्हें अलग से डालना पड़ता है। इसी कारण सेंद्रिय खाद संपूर्ण खाद है और सेंद्रिय खाद रासायनिक खाद जैसा नुकसानदेह न होने से सात्विक खाद भी उसे कह सकते हैं। ___ अब यह बात साबित हो चुकी है कि रासायनिक खाद से भूमि दिनोंदिन बंजर बन रही है, वह महंगी भी है। नशा के आदी व्यक्ति को जिस तरह मात्रा बढ़ानी पड़ती हैया अधिक विषैला नशा करने की आवश्यकता होती है। वैसे ही रासायनिक खाद की आदी भूमि भी नशाबाज बनती है।
रासायनिक खाद और सेंद्रिय खादः
तुलनात्मक अध्ययन 1960 से भारत में रासायनिक खाद के उत्पादन में वृद्धि करने का प्रचार किया गया। प्रारंभ में दुनिया में हर जगह उसके तात्कालिक लाभ दिखे, लेकिन दीर्घकाल के बाद उससे होने वाली हानिने दुनिया को चौंका दिया। इसी से जापान में कहावत बनी 'रासायनिक खाद पिता के लिये फायदेमंद लेकिन संतान के लिये नुकसानदेह हैं। अमेरिका में 23 करोड़ एकड़ भूमि रासायनिक खादों से बंजर हुई है। 1. सेंद्रिय खाद कृषि भूमि एवं फसलों का संतुलित भोजन है रासायनिक
खाद जहरीले रासायन हैं। 2. नत्र, स्फूरद और पलाश के साथ-साथ अन्य अत्यावश्यक तेरह सूक्ष्म
द्रव्य सेंद्रिय खाद से प्राप्त होते हैं। किसान बेकार बनते हैं। रासायनिक खाद नत्र-स्फूरद-पलाश तक सीमित है और अन्य अत्यावश्यक सूक्ष्म तेरह तत्वों की पूर्ति के लिये कंपनियों से अलग से खनिज-द्रव्य
खरीदने पड़ते हैं। 3. सेंद्रिय खाद दिनों दिन भूमि की उर्वरकता को बढ़ाता है। अगली पीढ़ी
के लिये भूमि सुरक्षित होती है। रासायनिक खाद से शनैः - शनैः भूमि बंजर होने लगती है जिससे भावी संतान की रोजी-रोटी मारी जाती है।
स्वदेशी कृषि