________________
स्वदेशी के प्रति राजीव भाई की अगाध श्रद्धा और तड़प को शतःशत नमन
29 नवम्बर की मनहूस शाम को करीब 7:30 बजे किसी ने फोन करके बताया कि राजीव भाई की तबियत ठीक नहीं है, उन्हें अस्पाताल में भर्ती कराया है, वे उस समय छत्तीसगढ़ के प्रवास पर थे और उस दिन भिलाई में शाम को भारत स्वाभिमान की सभा को संबोधित करने वाले थे। जैसे ही सूचना मिली तो मैंने तुरन्त राजीव भाई के नम्बर पर सम्पर्क करने की कोशिश की तो दोनों नम्बर बंद थे, सम्पर्क नहीं हो सका। हरिद्वार से छत्तीसगढ़ के साथियों का नम्बर लेकर फोन लगाया तो बात हुई तब यह सुनिश्चित हुआ कि वास्तव में राजीव भाई की तबीयत ठीक नहीं है उन्हें अस्पाताल में भर्ती किया गया है। तुरन्त मैंने पूछा कि स्वामी जी कोखबर कीया नहीं तो उन्होंने बताया कि हाँ-स्वामी जी को सूचना कर दी है और वे खुद इस मामले में डॉक्टर से बात कर रहे हैं और यदि स्थिति ज्यादा खराब हुई तो दिल्ली ले जाने की व्यवस्था भी हो रही है। इसके बाद मैंने कई बार कोशिश की एक बार राजीव भाई बात हो जाये लेकिन किसी भी तरह मेरी उनसे बात न हो सकी। समय खराब न करके तुरन्त गाड़ी से रायपुर के लिए निकल गया यह सोचकर कि यदि संभव हुआ तो सेवाग्राम ले आयेंगे और यही इलाज करवा लेंगे।
करीब 9:30 के आसपास नागपुर के आगे कही ढाबे पर ड्राइवर ने चाय पीने के लिए गाड़ी रोकी। तभी स्वामी जी का फोन आया और उन्होंने जानकारी दी कि मैं स्वमंइस मामले को लगातार देख रहा हूँराजीव भाई दवाई लेने से मना कर रहे हैं। वे बार-बार मना कर रहे हैं कि मुझे अंग्रेजी दवाई नहीं लेनी है मुझे तो आर्युवेदिक या होम्योपैथी की दवा भिजवादी जाये मैं उसी से ठीक हो जाऊँगा। चिन्ता की कोई बात नहीं है। फिर भी डॉक्टरों को आवश्यक इलाज के लिए बोल दिया है और संभव हुआ स्वदेशी कृषि