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नहीं होता, बीज पर नहीं होता,बीज बनाने के तरीके पर नहीं होता, हमारे यहाँ खाद पर नहीं होता, खाद बनाने की टेक्नोलॉजी पर पेटेन्ट नहीं होता, हल बनाने की टेक्नोलॉजी पर पेटेन्ट नहीं होता, हल पर पेटेन्ट नहीं होता। माने किसानों की इस्तेमाल में आने वाली जितनी चीजें हैं उनपर पेटेन्ट नहीं होता, क्यूँ नहीं होता; ताकि किसानों को उससे मुनाफा हो उससे फायदा हो। पेटेन्ट होने से क्या नुकसान होता है? मान लीजिए किसी कम्पनी का कोई बीज है और उस कम्पनी का उस बीज पर पेटेन्ट है तो सिर्फ वही कम्पनी बीज बनाकर बेच सकती है कोई दूसरी कम्पनी नहीं बनाकर बेच सकती उस बीज को। तो मान लीजिए थोड़ी देर के लिए कल्पना कीजिए कि हमारे यहाँ गेहूँ की एक किस्म है जिसका नाम है RR-211 और RR-21 किस्म की गेहूँ जो हम हमारे देश में किसानों के द्वारा पैदा करवाते है। ___कल को मान लीजिए पेटेन्ट कानून ऐसा बन जाये कि बीज पर भी पेटेन्ट मिलना शुरु हो जाये और मान लीजिए किसी परदेशी कम्पनी ने या किसी स्वदेशी कम्पनी ने ही RR-21 नाम के गेहूँ की प्रजाति पर पेटेन्ट ले लिया कि सिर्फ वही कम्पनी को RR-21 बेचने का अधिकार होगा बाकी किसी को नहीं है। अभी क्या हैं आप खुद चाहें तो RR-21 बीज से बीज बनाके बेच सकते हैं बाजार में और किसान बीज का व्यापार कर सकता है और हजारों साल से इस देश में किसान बीज का व्यापार करता आया है यह उसका अधिकार है, Natural Right है। यह उसका Law of Natural Justice के हिसाब से भी बिलकुल फिट बैठता है कि जो किसान खेती को लगातार परिष्कृत करता है जो किसान खेती को लगातार उन्नत बनाता है उसको यह अधिकार है कि वो अपने बीज से बीज बनाकर बेच सकता है। किसी दूसरे के साथ बीज का बदलाव कर सकता है। अक्सर किसान एक दूसरे को बीज देते हैं। एक दूसरे का बीज ले लेते हैं। इस तरह का बदलाव पूरे देश में चलता है।
ये सब अब पूरी तरह से खत्म हो जायेगा। क्योंकि गैट करार का नियम ऐसा कहता है कि बीज पर भी पेटेन्ट देना होगा और खेती से जुड़ी हुई कोई भी टेक्नोलॉजी पर पेटेन्ट होगा। हिन्दुस्तान में जो अभी तक खेती से जुड़ी हुई टेक्नोलॉजी परं पेटेन्ट नहीं दिया गया, अब हिन्दुस्तान में खेती से जुड़ी हुई हर टेक्नोलॉजी पर पेटेन्ट देना होगा। क्या बोलता हैगैट करार इसके बारे में? गैट करार का एक ऍग्रीमेन्ट है जिसका नाम है 'Home Tricks Trade With Trade Instructural Property Rights' इसका जो ऍग्रीमेन्ट है जिसके बारे में यह पेटेन्ट की बात कही गई है गैट करार का पेज नं. 342 और आर्टिकल 207 पैराग्राफ नं. 1 यह क्या बोलता है? पहले मैं अंग्रेजी में बताऊँगा, फिर हिन्दी में इसका मतलब बताऊँगा :स्वदेशी कृषि
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