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हैं उन नियमों में किस तरह के नियम हैं। वैसे हमारे यहाँ एक ऐसा नियम है जो अब तक चलता रहा है जो लाल बहादुर शास्त्री ने बनाया था। लाल बहादुर शास्त्री ने क्या नियम बनाया था। आप जानते हैं जब लाल बहादुर शास्त्री इस देश के प्रधानमंत्री बने थे तो अमेरिका से इस देश में लाल रंग का गेहूँआता था। जो बुजुर्ग यहाँ बैठे हैं सभा में उनको याद होगा। उसको कहते थे पी.एल.-480। तो पी.एल. -480 कानून के तहत अमेरिका का गेहूँ भारत में भेजा जाता था। वो गेहूँअमेरिका में जानवर भी नहीं खाते थे। तो जिस गेहूँको अमेरिका के जानवर भी नहीं खाते थे। वो गेहूँभारत के लोगों को खिलाया जाता था। और यह समझौता पंडित जवाहर लाल नेहरु ने किया था। लाल बहादुर शास्त्री जब प्रधानमंत्री बने तो प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने यह समझौता रद्द कर दिया। ___ लाल बहादुर शास्त्रीजी का यह कहना था कि जो गेहूँ अमेरिका में जानवर भी ना खाये। वो गेहूँ भारत के लोगों को खिलाया जाये तो यह देश के लोगों का सबसे बड़ा अपमान है। उस समय भारत में गेहूँ की कुछ कमी थी। गेहूँ का उत्पादन कुछ कम था। तो लाल बहादुर शास्त्री ने कहा कि भले ही इस देश में गेहूँका उत्पादन कितना ही कम क्यूँ ना हो। लेकिन मैं अपमान जनक शर्तों पर अमेरिका से गेहूँ नहीं खरीदूंगा। और उन्होंने गेहूँ खरीदने का समझौता रद्द कर दिया। उसके बाद में शास्त्रीजी के ऊपर दबाव होना शुरु हुआ और तमाम तरह के लोगों ने शास्त्रीजी को यह कहना शुरु कर दिया कि आप अमेरिका से गेहूँ नहीं खरीदेंगे तो हिन्दुस्तान के किसान भूखे मर जायेगें। हिन्दुस्तान के मजदूर भूखे मर जायेगें। तो शास्त्रीजी सबका एक ही जवाब देते थे कि गेहूँ का उत्पादन अगर कम है तो हमको कमी में रहना सीखना होगा। अपमान जनक शर्तों पर हमें किसी का गेहूँखाना मंजूर नहीं।
बहुत स्वाभिमानी आदमी थे शास्त्रीजी। तो जब समझौता रद्द कर दिया। तो एक दिन शास्त्रीजी ने सारे देश के लोगों से एक अपील की दिल्ली के रामलीला मैदान में। एक बड़ी भारी सभा हुई थी और लाल बहादूर शास्त्रीजी ने उस जनसभा को सम्बोधित किया था। और उस जन सभा में लाल बहादुर शास्त्री ने देश के लोगों से कहा - मैंने अमेरिका सेलाल गेहूँखरीदना बंद कर दिया। क्योंकि अपमान जनक शर्तों पर मुझे गेहूँ लेना मंजूर नहीं। अब इस देश में गेहूँ की कमी होगी। तो मैं सारे देश के लोगों से अपील करता हूँकि गेहूँ खाना कम कर दें। और अगर सम्भव हो तो सप्ताह में एक दिन व्रत रखना शुरु कर दें। और देश के करोड़ों लोगों ने शास्त्रीजी की इस अपील का स्वागत किया और हिन्दुस्तान में करोड़ों लोगों ने सोमवार को व्रत रखना शुरु कर दिया।
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.. स्वदेशी कृषि