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________________ अब इस देश का कानून गैट करार के ऑफिस में बैठकर तय किया जायेगा। आप बतायें-हमने तो संसद बनाई हैअपना कानून बनाने के लिए। हमने तो विधानसभा बनाई है कानून बनाने के लिए। और हमारी संसद और हमारी विधानसभायें ही कानून बना नहीं सकेंगी। गैट के आधार पर जो कानून बन कर आयेगा उन्हीं को अगर भारत में लागू किया जायेगा। तो इस संसद का मतलब क्या है। फिर इन विधानसभाओं का मतलब क्या है। और इसी को कहते कि जब किसी देश की संसद अपने कानून बनाने का अधिकार खो देती है। जब किसी देश की विधानसभायें अपना कानून बनाने का अधिकार खो देती हैं तो उसी को कहते हैं कि राजनैतिक संप्रभुता खत्म हो गई है किसी देश की। किसी भी देश की संप्रभुता केखत्म होने का मतलब एकही होता है। उस देश की सरकार, उस देश की संसद, उस देश की विधानसभायें अपना कानून बनाने के अधिकार को खत्म कर दें और वो गैट करार के बाद हो गया। और इसमें क्या होगा खेती और किसानों के लिए। मान लीजिए कुछ कानून इस देश में हैं। मान लीजिए वो सब बदलने पड़ेगें। अगर गैट करार विरोधी हैं । उद्योग के बारे में इस देश में कुछ कानून हैं तो वो सब बदलने पड़ेगें। दवा उद्योग से सम्बन्धित अगर कुछ कानून ऐसे हैं जो गैट करार विरोधी हैं तो वो सब बदलने पड़ेगें। _माने हमको हमारे देश में अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए, अपने हित को सुरक्षित रखने के लिए कोई कानून अगर बनाना पड़े और वो कानून दुर्भाग्य से अगर गैट करार विरोधी हो तो वो कानून बदलना पड़ेगा। स्थिति क्या हो गई है -पहले हमारे देश का कानून अंग्रेज तय करते थे। अब हमारे देश का कानून गैट करार के आधार पर तय होगा। तो गुलामी के दिनों में जो हालत हमारी थी। वो ही हालत आजादी के पचास साल बाद भी है। कानून कैसे-कैसे हैं। किस-किस तरह के नियम हैं। किसानों से और खेती से सम्बन्धित जो कानून गैट करार में दिए गये हैं। उन्हीं की चर्चा मैं आपसे करूँगा। क्योंकि ढेर सारी चर्चायें करने के लिए ना तो वक्त है ना आपके पास सुनने के लिए। क्योंकि साड़े पाच सौ पन्ने का ऍग्रीमेन्ट अगर इसको सुनाना शुरु किया तो 10-15 दिन का व्याख्यान देना पड़ेगा। इसलिए सिर्फ खेती और किसानों के सम्बन्धित जो बातें हैं। और सबसे खतरनाक बात है इसमें। उन्हीं के बारे में मैं आपसे बात कहने की कोशिश करूँगा की किस तरह की बातें इसमें है किसानों के लिए। जो दस्तावेज इसमें दिया गया हुआ है। इसका नाम है 'ऍग्रीमेन्ट फॉर ऍग्रीकल्चर'। खेती पर समझौता और खेती पर समझौते के जो नियम बनाये गये स्वदेशी कृषि
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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