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________________ भारत से भेजा जाता था। गो-मांस भारत से भेजा जाता था। अंग्रेजों की फौज लढ़ रही थी दूसरे विश्व युद्ध में और दुसरे विश्व युद्ध का काफी खर्चा भारत के किसानों को बर्दाश्त करना पड़ता था। दूसरे विश्व युद्ध के समय में अंग्रेजों की सरकार ने एक तो किसानों पर टॅक्स और बढ़ा दिया था। लगान और ज्यादा बढ़ा दिया था। भारत के उद्योगों पर टॅक्स बढ़ा दिया था। भारत के उद्योगों पर ज्यादा से ज्यादा भारत के उद्योगों से रेवेन्यू कलेक्शन हो सके। युद्ध के लिए ऐसी व्यवस्थायें बनायी थी और दूसरी तरफ भारत का भोजन। भारत का अनाज। भारत के गाय का कत्ल करने के बाद मांस अंग्रेजों की फौज को मिल सकेलगातार उसकी भी व्यवस्था की थी आप जानते हैं कि जब भारत के अन्न, भारत का अनाज अंग्रेजों की फौज को जाने लगा तो पहले से ही इस देश में अन्न उत्पादन में काफी कमी आ चूकी थी। फिर जो कुछ बचा हुआ अन्न था वो अंग्रेजों ने यहाँ से बाहर भेजना शुरु कर दिया। अपने देश में बेचना शुरु कर दिया था। तो फिर अनाज की कमी और ज्यादा हो गई तो अंग्रेजों ने और एक कानून बना दिया। और वो कानून है राशन कार्ड' का कानून जो आज भी इस देश में चल रहा है। आप में से बहुत सारे लोग नहीं जानते कि यह राशन कार्ड क्यूँ चलाया गया इस देश में। हम सब के घर में राशन कार्ड तो है। लेकिन वो राशन कार्ड क्यूँचलाया था। अंग्रेजों ने क्यूँशुरु किया था यह कानून यह बहुत कम लोग जानते हैं। 1939 के साल में अंग्रेजों ने राशन कार्ड का कानून बनवाया और भोजन और अनाज पर उन्होंने राशनिंग की व्यवस्था शुरु करवायी और यह राशन कार्ड का कानून अंग्रेजों ने क्यूँ बनवाया। क्योंकि यहाँ का अनाज यहाँ का भोजन इंग्लैंड चला जाता था। यहाँ के लोगों को भुखमरी की हालत का सामना करना पड़ता था। तो भारत के लोगों को भुखमरी की हालत का सामना करते हुए लोग जब मरते थे तो अंग्रेजों की सरकार ने लोगों को थोड़ा तसल्ली देने के लिए कानून बना दिया की राशन कार्ड आपले लो। अंग्रेजों की सरकार से और जिस व्यक्ति के पास राशन कार्ड होगा उसको सस्ते दाम पर अनाज मिल सकेगा। तो जिन लोगों ने राशन कार्ड बनवाये। अंग्रेजों की सरकार के ऑफिस में जाकर . घूस देकर, रिश्वत देकर भ्रष्टाचार करके उन लोगों को ही सिर्फ अनाज मिलता था। बाकी लोगों को अनाज मिल नहीं पाता था। तो इस तरह के अत्याचारी कानून और इस तरह की व्यवस्था अंग्रेजों ने शुरु की थी। इस देश में हिंसक व्यवस्थाओं के कारण भारत का किसान बर्बाद हुआ और भारत की खेती बर्बाद होती चली गई और तकलीफ हमारी यह है कि जिस तरह से | ३० ....... ..... स्वदेशी कृषि
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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