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________________ में और होता था । उस जमीन पर अंग्रेजों की सरकार जबरदस्ती नील की खेती करवाती थी और किसान जब नील की खेती करने से मना करते थे तो उनके ऊपर अत्याचार किया जाता था। अंग्रेजों की सरकार को क्या रस था नील की खेती करवाने में । अंग्रेजों को नील की जरुरत थी । युरोप में नील बहुत बिकता था । अंग्रेजों के अपने बाजार में नील बहुत बिकता था । और दूसरी मुश्किल यह थी कि नील की खेती करने से खेती बहुत बर्बाद होती थी। तो अंग्रेजों को नील चाहिए युरोप के बाजारों में बेचने के लिए और उस नील को पैदा करने के लिए भारत के किसान को मजबूर करते थे । गांधीजी ने जो सबसे पहला सत्याग्रह किया था अपने चंपारण्य के प्रवास में, वो सत्याग्रह इसी सवाल को लेकर था कि अंग्रेजों की सरकार जबरदस्ती किसानों से नील की खेती करवाती थी और गांधीजी कहा करते थे कि यह सबसे बड़ी हिंसा है। किसानों की मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती उनसे किसी फसल का पैदा करवाया जाना गांधीजी कहा करते थे कि हिंसा है। तो इसलिए चंपारन का सत्याग्रह करना पड़ा था महात्मा गांधी को । ऐसे ही अंग्रेजों की सरकार ने मालवा के इलाके में किसानों को मारकर पीटकर जबरदस्ती उनसे अफीम की खेती करवाना शुरु किया । यह आज हमारे देश में बहुत बदनाम है मालवा का क्षेत्र । और हम लोग अकसर यह कहा करते हैं कि मालवा के किसान सबसे ज्यादा अफीम पैदा करते हैं। यह जो अफीम पैदा करवाने का किस्सा है यह अंग्रेजों का शुरु करवाया हुआ किस्सा है। हमारे देश में अंग्रेजों के आने के पहले अफीम की खेती नहीं थी । और होगी तो कहीं छुट - पूट, थी बड़े पैमाने पर नहीं थी । लेकिन अंग्रेजों की सरकार ने मालवा के किसानों को मार-पीट कर जबरदस्ती उनपर अत्याचार करके अफीम की खेती करवायी । क्यूँ करवायी ? क्योंकि अफीम का व्यापार अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी बहुत जगह पर करती थी। किसानों से उस अफीम को लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी चीन में जाती थी बेचने के लिए। तो अफीम भारत में पैदा होती थी। ईस्ट इंडिया कंपनी उस अफीम को चीन में ले जाकर बेचती थी। अंग्रेजों के ऑफीसर ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से मुनाफा भी कमाते थे और चीन के लोगों को नशे का शिकार भी बनाते थे। पूरे के पूरे चीन को बर्बाद किया था अंग्रेजों ने अफीम पिला-पिलाकर, अफीम खिला-खिलाकर । चीन के लोगों को पहले मुफ्त में अफीम खिलाई फिर धीरे-धीरे नशे के शिकार हो गए। तो उनसे पैसा लेना शुरु किया और अफीम देना शुरु किया और आप जानते हैं कि चीन में एक बहुत बड़ा अफीम स्वदेशी कृषि २८
SR No.009367
Book TitleGau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajiv Dikshit
PublisherSwadeshi Prakashan
Publication Year2013
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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