________________
सबसे ज्यादा हुनर रहा है। सबसे ज्यादा कौशल रहा है। यही जातियां रही हैं जिनके पास सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी रही है। और यहीं जातियां रही हैं जिनके पास सबसे ज्यादा हुनर और कौशल इस बात का रहा है कि पशुओं की समृद्धि कैसे करायी जाए और पशुओं की संख्या कैसे बढ़ायी जाए। - तो अंग्रेजों ने हमारे देश की ऐसी जातियों पर अत्याचार करने शुरु किये जो जातियां हमारे देश में पशुपालन के काम में लगी हुई थी और धीरे-धीरे पशुओं की संख्या - एक तरफ तो गाय का कत्ल करवा के कम कर दी। दूसरी तरफ हमारे देश मेंजो पशुपालन करने वाली जातियां थीं उनको अंग्रेजों ने इतना बुरी तरहसे प्रताडित किया, अत्याचार किये उन सबके ऊपर कानून बनाकर कि धीरे-धीरे पशुपालन का काम वो लोग छोड़ते चले गए और विस्थापित होते चले गए।
इस तरह से अंग्रेजों ने भारत के किसानों को व्यवस्थित रुप से बर्बाद करने का काम शुरु किया। और यह बर्बादी कितनी आयी। 1760 से लेकर 1850 के साल तक या 1860 के साल तक हिन्दुस्तान की खेती बुरी तरह से चौपट हो गयी। किसान बुरी तरह से बर्बाद हो गए और मात्र सौ साल के अंदर में हिन्दुस्तान के किसानों की गरीबी दिखाई देने लगी। दारिद्रय इस देश में दिखाई देने लगा और जिस तरह से किसानों की बर्बादी की अंग्रेजों ने, उसी बर्बादी के कारण फिर इस देश में भुखमरी आयी और अकाल पड़ना शुरु हुए। हमारे देश में अंग्रेजों के जमाने में जितने अकाल पड़े हैं उनमें से एक या दो अकाल को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब अकाल अंग्रेजों की नीतियों के कारण पड़े। मौसम के कारण नहीं पड़े। हम लोगों को कई बार यहगलत फहमी हो जाती है कि बारिश नहीं हुई होगी। सुखा पड़ गया होगा इसलिए अकाल पड़ गया होगा। हम लोगों को कई बार यह गलत फहमी हो जाती है कि मौसम का दुष्चक्र होगा। कुछ मौसम में परिवर्तन आया होगा भयंकर तरीके से। इसलिए भारत में अकाल पड़े होंगे। भारत में अकाल मौसम की मार से नहीं पड़े। भारत में जितने भी अकाल पड़े वो अंग्रेजों की गलत नीतियों के कारण
पड़े।
___ मैंने बताया खेती को बर्बाद करना। किसानों को बर्बाद करना। किसानों से लगान वसूलना। पचास प्रतिशत किसानों से उत्पादन टॅक्स के रुप में ले लेना। किसान जो पशुपालन कर रहे हैं। उन पशुपालन करने वाले किसानों पर अत्याचार करना। किसान जो अपने गाँव के बावड़ी और कुओं की व्यवस्था बना सकते हैं। उन सब व्यवस्थाओं को किसानों के हाथ से छीन लेना और अंग्रेजों की सरकार के हाथ में चला जाना। जो जंगल किसानों की संपत्ति माने जाते थे, जो जंगल गाँव की स्वदेशी कृषि
- २५