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मैं गुजरात विद्यापीठ ग्रंथालय, अहमदाबाद, जैन महावीर आराधना केन्द्र ग्रंथालय -, कोबागांधीनगर के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करना नहीं भूल सकती जिन्होंने हर प्रकार की उपयक्त सामग्री उपलब्ध कराने में सदैव तत्परता दिखाई है। मैं उन सभी मित्रों व हितेषियों का आभार व्यक्त करना अपना कर्तव्य समझती हूँ जो इस कार्य में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोगी सिद्ध हुए हैं किन्तु किन्हीं कारणोवश जिनका नामोल्लेख यहाँ संभव नहीं हो सका है। अंत में मैं परम पिता परमेश्वर व विद्या की देवी माँ सरस्वती का आभार मानते हुए स्वयं को कृतज्ञ मानती हूँ जिनकी अनुकम्पा के बिना इस शोध-साधना की कल्पना ही नहीं की जा सकती। मैं अपनी अज्ञानता या संगणक की भूलों के लिए सुधी पाठकगणों के प्रति क्षमा याचना करना चाहती हूँ तथा सुझाव आमंत्रित हेतु हार्दिक अपील करती हूँ।
- दीपा जैन