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कल्पसूत्रे 0 कुंवरपद १०० वर्ष, राज्यगादी समय राज्य नहीं किया। शिबिका मनोरमा दीक्षा कल्या- मल्लीनाथ संशब्दार्थे
प्रभोः । णक मिग्गसिर शुक्ल एकादशी तीन हजार के साथ, पहली गोचरी दाता का नाम EM
चरित्रम् विश्वसेन, पहली गोचरी में क्या मिला खीर. छद्मस्थ अवस्था का समय एक प्रहर, | चैत्यवृक्ष का नाम अशोक, केवल कल्याणक मिग्गसिर शुक्ल चौथ, देह प्रमाण २५ । धनुष, वर्ण नील, लक्षण कुम्भ नायक गणधर भिषम, अग्रणी साध्वी बन्धुमती, प्रनज्या समय ५४९०० चौपन हजार नौ सौ वर्ष, गणधर संख्या २८ साधु संख्या ४० हजार, साध्वी संख्या ५५ हजार, श्रावक संख्या एक लाख ८४ हजार, श्राविका संख्या तीन लाख ६५ पैंसठ हजार, साधु केवली तीन हजार दो सौ, साध्वी केवली छ हजार चार सौ, अवधिज्ञानी दो हजार, मनःपर्यायी आठ सौ, चतुर्दशपूर्वी छसौ, ६८ अडसठ, वैकुकि ३५०० पेंतीस सौ, वादी संख्या १४०० चौदह सौ, शासनकाल ५४ लाख वर्ष, शासनदेव कुबेर, शासनदेवी वैराटय ॥१९॥
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