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सशब्दार्थे।
कुन्थुनाथ प्रभोः चरित्रम् ..
कल्पसूत्रे ।। गणधर संख्या ३६, साधु संख्या ६२ हजार, साध्वी संख्या ६१ हजार छसौ, श्रावक
संख्या दो लाख ९० हजार, श्राविका संख्या तीन लाख ९३ हजार, साधु केवली ४ ॥८४७॥
हजार तीन सौ, साध्वी केवली आठ हजार छसौ, अवधिज्ञानी तीन हजार, मनःपर्यायी ४ हजार, चतुर्दशपूर्वी छसौ तीस, वैकुर्विक छ हजार, वादी संख्या २४०० चौबीससौ,
शासनकाल आधापल्योपम, कितना पाट मोक्ष में गया असंख्याता, शासनदेव गरुड, १५: शासनदेवी निपर्णा ॥१६॥
१७ कुंथुनाहपहुस्स चरित्तंमूलम्-जंबूदीवे पुव्वविदेहे आवत्त नामक देसो आसी। तत्थ खग्गी :: नाम णयरी होत्था, तत्थ सीहावह नाम राया आसी। निज पुत्ते रज्जं दच्चा
संवरायरियसमीवे दिक्खिओ जाओ। उग्गतवसंजमं आराहिय साहु वेया
॥८४७॥