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कल्पसूत्रे
सशब्दार्ये
॥८२६॥
चरित्रम
अवस्था का समय दो मास. चैत्र वृक्ष का नाम तिंदुरु. केवल कल्यणक माघ कृष्ण श्रेयांसनाथ
प्रभोः अमावास्या. निर्वाण कल्याणक श्रावण कृष्ण द्वितीया. देहप्रमाण अस्सी धनुष. वर्णन कंचन. लक्षण खड्ग नायक गणधर कौस्तुभ. अग्रणी साध्वी धरणी. प्रव्रज्या समय २१ लाख वर्ष. गणधर संख्या ७६, साधु संख्या ८४ हजार, साध्वी संख्या १ एक लाख तीन हजार. श्रावक संख्या २ लाख ७९ उन्नासी हजार. श्राविका संख्या ४ चार लाख ४८ अडतालीस हजार. साधु केवली ६ हजार ५ पांचसौ. साध्वी केवली १३ हजार, अवधिज्ञानी छहजार मनःपर्यायी ६ हजार. चतुर्दश पूर्वी १ हजार तीन सौ वैकुर्विक ११ ग्यारह हजार. वादी संख्या ५ पांच हजार, शासनकाल ५४ सागर, कितना पाट मोक्ष में गया असंख्याता, शासनदेव मनुज, शासन देवी श्रीवत्सा ॥११॥
- १२ वासुपुजपहुचरितंमूलम्-पुक्खरदीवड्ढे पुव्वविदेहे मंगलावई विजए रयणसंचया नाम