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कल्पसूत्रे सशब्दाथ ॥७८८॥
संभवनाथ प्रभोः चरित्रम्
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लक्खपुव्वो, गणहरसंखा दुआहियं सयं, साहूणं संखा दोलक्खा, साहूणीणं संखा छत्तीससहस्सोत्तर तिलक्खा, सावयाणं संखा तेणउइ सहस्सोत्तर दोलक्खा, सावियाणं संखा छत्तीस सहस्सोत्तर छलक्खा, केवली साहूणं संखा पन्नरससहस्सा, केवलीसाहूणी संखा तीससहस्सा, ओहिणाणीणं संखा छसयोत्तर छसहस्सा, मणपज्जवनाणीणं संखा एगसय पन्नासोत्तर दुवालससहस्सा, चउद्दसपुव्वाणं संखा एगसयपन्नासोत्तर दो सहस्सा, वेउव्वियलद्धिधराणं संखा अट्रसयोत्तर सोलससहस्सा, वाईणं संखा दुवालससहस्सा, सासणकालो दसलक्ख कोडिसागरोबमो, पट्टाणुपट्टे असंखेज्जा मोक्खं गया, सासणदेवो तिरुक्खों, सासणदेवी दुरितारि ॥
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