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महावीर
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स्वामिकृत
कल्पसूत्रे सशन्दार्थे ॥७७२|
तपकोष्ठकम्
एगमासियं अड्ढमासियं
१०८० १० अड्ढभतं ...
३६ छभत्तं
४५८ । १२ भदपडिमा १३ महाभद्पडिमा .. १४. सव्वओभद्पडिमा योगफलम्
४१६५ ग्यारह वर्ष छ मास पचीस दिन की तपस्या हुई, और ग्यारह मास इक्कीस दिन पारणा के हुए।
५.००
उपसंहार...
- भावार्थ-अब सूत्रकार इस कल्पसूत्र को कल्पवृक्ष के समान निरुपित करते हुए और
॥७२॥