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कल्पसूत्रे दा
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है [ हि ] कहा भी है- [ अहंकारो वि बोहस्स रागो वि गुरुभत्तिओ] आश्चर्य है कि गौतमस्वामी का अहंकार बोध प्राप्ति का कारण बन गया राग गुरुभक्ति का कारण बना [विसाओ केवलस्सासी चित्तं गोयमसामिणो] और शोक केवलज्ञान का कारण
बन गया ।
[जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए ] जिस रात्रि में श्रमण भगवान् महावीर मोक्ष पधारे [सा रयणी देवेहिं उज्जोविया ] उस रात्रि में देवों ने खूब प्रकाश किया [भिसारयणी लोए दीवालियत्ति पसिद्धा जाया ] तभी से वह रात्रि लोक में दीपावली के नाम से प्रसिद्ध हुई । [ नवमल्लइ नवलेच्छइ कासीकोसलगा अट्ठारस वि गणरायाणो संसारपारकरं पोसहोववासदुगं करिंसु ] काशी देश के नौ मल्लकी और कोशल देश के नौ लेच्छकी इस प्रकार अठारहों गणराजाओं ने संसार से पार करनेवाले दो दो पौषधोपवास किये | [बीए दिवसे कत्तियसुद्वपडिवयाए गोयमसामिस्स केवल
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गौतमस्वामिनः
विलापः
केवलज्ञान
प्राप्तिश्च
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