________________
३
व
विपाकश्रुते अदीणसत्तस्स रणो धारिणीए देवीए कुञ्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे । तए णं सा धारिणी देवी सयणिज्जास सुत्तजागरा
ओहीरमाणी २ तहेव सीहं पासइ, सेसं तं चेव जाव उप्पिपासाए विहरइ, तं एवं खलु गोयमा ! सुवाहुणा इमा एयारूवा उराला माणुस्सरिद्धी लद्धा ३ । पभू णं भंते ! सुबाहुकुमारे देवाणुप्पियाणं अतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । हंता पभू ! ॥ सू० ८॥
टीका 'तए णं से सुमुहे' इत्यादि । 'तए थे' ततः खलु 'से सुमुहे गाहावई' स सुमुखो गाथापतिः वहूई वाससयाई बहूनि वर्षशतानि 'आउयं पालेइ' आयुष्कं पालयति, 'पालित्ता' पालयित्वा कालमासे कालं कृत्वा 'इहेव हत्थिणासीसे गयरे' इहैव हस्तिशीर्ष नगरे 'अदीणसत्तुस्स रणों' अदीनशत्रो राज्ञः 'धारिणीए देवीए कुच्छिसि धारिण्या देव्याः कुक्षौ 'पुत्तत्ताए उपवण्णे' पुत्रतया उपपन्ना-उत्पन्नः । 'तए णं ततः खलु सा धारिणी देवी 'सयणिज्जंसि' ____ 'तए णं से सुमुहे' इत्यादि ।
'तए णं से सुमुहे गाहावइ' उस सुमुख गाथापति ने 'वहूई वाससयाई आउयं पालेइ' सैकडों वर्षोकी आयु पाली 'पालित्ता कालमासे कालं किच्चा' अपनी पूर्ण आयु भोगकर जब वह मृत्यु के अवसर पर मरा तो 'इहेव हत्थिसीसे णयरे अदीणसत्तूस्स रणो धारिणीए देवीए कुच्छिसि' इसी हस्तिनापुर नगर में अदीनशत्रु राजा की धारिणी रानी की कुक्षि में 'पुत्तत्ताए उववपणे' पुत्र रूप से उत्पन्न हुआ। 'तए
'तए णं से मुमुहे' Vत्या.
'तए णं से सुमुहे गाहावई' ते सुभुम गायापति 'वहूई वाससयाई आउयं पालेड' से वर्षनी मायुध पाजी 'पालित्ता कालमासे कालं किच्चा पोतानी मायुष्य पूर्णशत लोगवीने न्यारे भृत्यु समये भर पाम्या ते पछी हदेव इथिसीसे णयरे अदीणसत्तुस्स रण्णो धारिणीए देवीए कुच्छिसि' मा स्तिनापुर नगरमा महीनशत्रु नी धारिet netना थी 'पुत्तत्ताए उबवण्णे' पुत्र३५थी