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________________ भोपानिक ३६, चकलक्खण ३७, छत्तलस्खण ३८. चम्मलक्खणं ३९, दड लखण ४०, असिलमखण ४१, मणिलमत्रण ४२, कागणिलक्खण ४३, वत्थुविज १४, खधारमाण ४५, नगरमाण ४६, चार इत्यत्र समवायाझोक्तम्य मिढयलकवण' इत्यस्य समावे। , उपम्राटी मचारण सादृश्यात् ३६, 'चकलरखण' चक्रलक्षण चकरनगुणदोपरिनानम् ३७, 'उत्तलकवण' त्रल क्षण-उत्रस्य शुभाशुभविनानम् ३८, 'चम्मलपवण' चर्मलक्षण, चर्म-ढाल इति प्रसिद्ध तस्य शुभाशुभलक्षणज्ञानम् ३९, 'दडलकपण' तण्डलक्ष गम्-दण्डस्य शुभाशुभलक्षणाव ज्ञानम् ४०, 'असिलवण' असिलक्षणम्-'अलीगतार्ध उत्तम खड्ग' इत्यादिविज्ञानम् ४१, 'मणिलक्रवण' मणिलक्षण रत्नपरीक्षाविनानम् ४२, 'कागणिलक्खण' काकणी लक्षणम्-चक्रवर्तिनो रत्नविशेष कारुणा, तस्या विपापहरणमानो मानादियोगप्रवर्तकावातिजा नम् ४३, 'त्युविज' वास्तुविद्याम्-वसति अस्मिन्निति वास्तु गृहादिक तस्य विद्यार वास्तुशास्त्रप्रसिद्ध गृहभूमिगतदापगुणविज्ञानम्, 'वत्थुविज' इत्यत्र समवायाङ्गोतिया 'त्युमाण' 'वत्युनिवास' इत्यनयो समावेश ४४, 'खधारमाण' मुर्गे के लक्षणों को जानने का, समवायाङ्ग में उक्त मिढयलवखण' (मेंढेका लक्षण) का समावेश यहां हो जाता है। (३७ चक्लक्खण) चकरन के गुणदोष जानने की, (३८ छत्तलक्षण) उन के शुभाशुभ जानने की, (चम्मलक्खण) ढाल के खोटे-खरे लक्षणा को जानने की, (४० दडलक्खण) दड के अच्छे-बुरे लक्षणों को जानने की, (४१ असिक्खण) तलवार के लक्षणों की, (४२ मणिलक्रवण) मणिलक्षण जानने की- रत्नका परीक्षा करने की, (४३ कागणीलक्खण) चक्रवर्ती के काकणी त्ल को जानने की, (४४ वत्युविज) वास्तु (घर) शास्त्र की समवायाङ्ग में उक्त 'बन्धमाण' वास्तुमान भार 'वत्थुनिवेश वास्तुनिवेश इन दोनों का यहाँ समावेश होता है, (४५ वधारमाण) शत्रु को सिक्ख' स्तिशिक्षा ४गाना समावेश थयो छ ३५ (गोणलक्खण) आयना सक्ष| Jaiनी, ३६ (कुक्कुडलक्खण) पुट-१४सन सक्ष। ngalil, सभषायाममा त "मिढयलक्खण' (टानु सक्षना समावेश ही थाय छ ३७ (चकलक्खण) १२लना अशुद्धोष पानी, 3८ (छत्तलक्खण) छत्रना शुभ अशुल नपानी, ३८ (चम्मलक्सण) ढालना पोट तथ! R क्षण! जवामी, ४० (दडलक्सण) 83 सास-तरसा सक्ष। पानी, ४१ (असिलक्खण) तपार सक्षनी, ४२ (मणिलक्षण) अधिना सक्षमी ang पानी, ४३ (कागणीलक्खण) यतीना ४४ी २लने पानी. ४४ (वत्युवित्र)
SR No.009353
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1106
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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