________________
- राजप्रश्नीयस यामि मृत तोलयामि ने चैत्र खलु तस्य पुरुषस्य जीवतो वा तोलितस्य मृतस्य वा तोलितस्य किञ्चित् नानात्व' वा उन्मात्रत्व वा तुच्छत्व वा गुरुकत्वं, घा लघुक त्वं वा, यदि खलु भदन्त ! तस्य पुरुषस्य जीवतो वा तोलितस्य मृतस्य वा तोलितस्य भवेत किञ्चित् नानात्वं वा यावत् लघुत्व वा तदा खलु अहं श्रद्दध्यां तदेव, यस्मात् खलु भदन्त ! तस्य पुरुषस्य जीवतो वा उसे मैंने जीवित ही तोला (तुलेत्ता छविच्छेय अकुचमाणे जीवियाओ ववरोवेमि, मयं तुलेमि) तोल कर फिर मैंने उसे अंग भंग किये बिना जीवन से रहित कर दिया और फिर मरे हुए उसे तोला (जो वेवणं... सस्स पुरिसस्स जीवंतस्स वा तुलियस्स मयस्स वा तुलियस्स केइ नाणसे वा उम्मत्तत्ते वा तुच्छत्ते वा गुरुयत्ते वा लघुयते वा) तय जीविततुले हुए उसमें और मरे तुले हुए उसमें मुझे किसी भी तरह की न्यूनाधिकता नहीं दिखाई दी. न उस में भार वढा न वह उसका भार कम हुआ नउसमें गुरुता आई न उसमें लघुता आई. (जइ णं भंते। तस्स पुरिसस्स जीवंतस्स वा तुलियस्स. मयस्स वा तुलियस्स वा होज्जा केई नाणो वा जाव लघुयत्ते. वा) हे मदन्त! जीचिततुले हुए और मरे तुले हुए उस पुरुष में यदि कोई न्यूनाधिकता : हो जाती यावत् लघुता हो जाती (तो णं अहं सदहेजा तं चेव) तो मैं श्रदा कर लेता कि जीव अन्य है, और शरीर अन्य है वह जीव शरीर नहीं है. वह शरीर जीव नहीं है.
जीवितग चेव तुलेमि) में भवितावस्थामा त यु. (तलेताछविच्छेय : अकुचमाणे जीवियाओ ववरोवेमि, मयं तुलेमि) तीन - पछी मैं तेने અંગ ભંગ ક્યાં વગર જ જીવન રહિત બનાવી દીધું અને મર્યા પછી. २री ते में न ४२व्यु: (णो चेव णं तस्स पुरिसस्स जीव तस्स चो तुलि. यस्स मयस्स वा तुलियम्स केइ नाणत्त वा उम्मत्तत्त वा तुच्छत्त वा गुरुयत्ते वा लधुयत्त वा) त्यारे तi aorशयेसा तभी अने मृत्यु पाभ्या . પછી વજન કરાયેલા તેમાં મને કઈ પણ જાતની ન્યૂનાધિકતા લાગી નહીં, તેમાં ભાર” पधारे ५५ थयो। नही, मने तमाथी मार: माछ। ; पण थयो :ना.
तेमां शु३ता : गावी नथी. तभ. तभा . Aधुता पशुः : मापी नथी. (माइणं मते ! तस्स पुरिसस्प जीवंतस्म वा तुलियस्त मयस्स बा तुलियस्स पा होज्जा केई नाणत्त वा जाव लहयत्त चा) मत ! पीतावस्थामा કરેલા વજનમાં અને મૃતાવસ્થાવામાં કરેલા તે ચેરના વજનમાં જે કંઈ પણ જાતની न्यूनाधिरता था त यावत् सधुता 25. Md. (तो गं अई. सदहेज्जा त चेव) :