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राजप्रश्शीयसूत्रे छिदति अपेगइया देवा हयहेसियं करेंति, अपेगइया देवा हत्थिगुलगुलाइयं करेंति, अपेगइया देवा रघणघणाइयं करेंति अपेगइया देवा हयहेलियहत्थिगुलगुलाइय-रहघण. घणाइयं करें ति, अप्पे गइया देवा उच्छलेंति, अप्पेगइया देवा पोच्छलेति, अप्पेगइया देवा उकिट्टियं करें ति, अप्पेगइया देवा उच्छले ति, पोच्छलेति, अप्पेगइया देवा तिन्नि वि, अप्पेगइगा देवा ओवयंति, अपेगइया देवा परिवयंति, अपेगइया देवा तिन्नि वि, अप्पेगइयो देवा सीहनायं करेंति, अप्पेगइया देवा दद्दरय करे ति, अप्पेगइया देवा भूमिचवेड दलयंति, अप्पेगइया देवा तिन्नि वि, अगइया देवा गजति अपेगइया देवा विजयाांते, अप्पेगइया देवा वासं वासंति, अप्पेगइया देवा तिन्नि वि करेंति, अप्पेगइया देवा जलति, अप्पेगइया देवा तवंति, अपंगइया देवा पतवें ति, अप्पेगड्या देवा तिलि वि, अप्पेगइया देवा हकारे ति, अप्पेंगइयो देवा थुकारेंति, अपगइया देवा धक्कारेति अपंगेइयो देवा साइं साइनामाइं साति, अपंगइया देवा चत्तारि वि, अपगड्या देवा देवसनिवार्य करे ति, अप्पेगइया देवा देवुजोयं करेंति, अपगइया देवा देवुकलियं करेंति, अगइया देवा देवकहकहगं करेंति, अप्पंगइया देवा देवदुहदुहगं करेंति, अपेगइया देवा चेलुक्खेवं करेंति, अपगइया देवा देवसन्नि वायं देवुजोय देवुकलियं देवकहकहगं देवदुहदुहगं चेलुक्खेव करेंति अप्पेंगइयो देवा उपलहत्थगया जाव सयसहस्सपत्तहत्थगया, अप्पे गइया देवा कलहत्थ गया जाव धूवकडुच्छयहत्थगया हटतुट्ठ जावहियया सव्वओ समता आहावंति परिघावंति ॥ सू० ८७ ॥