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________________ प्रमेययोधिनी टीका पद २१ सू० ७ आहारकशरीरनिरूपण मनुष्याहारकशरीरम्-असंयतसम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, संयत्तासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्मव्युत्क्रान्तिकमनुष्योहारकशरीरम् ? गौतम ! संयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युरक्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम् नो असंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्मव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरस्, नो संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्तकसंख्येयकर्मभूमिगगर्भकर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (असंजतसम्महिठ्ठी पन्नसगसंखेचवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) या असंसम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का भाहारकशरीर होता है (संजयासंजय सम्पट्टिीपज्जत्तगसंखेज वासाउय कम्मभूमगगन्भवतियमणूस आहारग सरीरे ?) या संयतासंयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होतो है ? (गोपमा ! संजय सम्पट्ठिी पजत्तगसंखेजवासउय कम्मभूमगगन्भवतियमणूस आहारगसरीरे) हे गौतम ! संयत सम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (नो असंजयसम्मदिट्टीपजत्तगसंखेजवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) असंयतसम्यग्दृष्टि पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता (नो संजयासंजयसम्महिद्वीपज्जत्तगसंखेजवासाउथ कम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) संयतासंयत सभ्यग्दृष्टि पर्यास संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहा વનું આહારકશરીર હોય છે તે શું સંતસમ્યગ્દષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુध्या ४भभूमिना गरी मनुष्यना माहा२४०२२ सय छ (असंजय सम्मविट्ठी पज्जतग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) अथवा मसयत સભ્યદષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુષ્યવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહાર४२।२ डाय छे. (संजयासंजय सम्मदिट्टी पज्जात्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवक्वतिय मणूस आहारगसरीरे) मथ। सयतासयत सम्याट ५यत सध्यात वना भायुष्यवाणा ४म भूमिना म भनुष्यना माह।२४शरीर उसय छ (गोयमा ! संजयसम्मदिट्ठी पज्जत्तगस खेज्जवासाउय कम्मभूमग गृभवक्कंतियमणूस आहारगसरीरे) 3 गौतम ! સંયત સમ્યફદષ્ટિ પર્યાપ્ત સંખ્યાતવર્ષની આયુષ્યવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહા २३२२ डाय छे. (नो असंजय सम्मदिवी पज्जतग सखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कतिय मणूस आहारगसरीरे) मसयत सभ्य यति सभ्यात वर्षनी आयुभ्यास भभूमिना SUN मनुष्यना माइ२४१२२ डा नथी (नो सजयासंजय सम्नदिवी पज्जत्तग संखे. जबासाउय कम्मभूमग गम्भवक्तवतिय मणूस आहारगसरीरे) यतायत सभ्यष्टि
SR No.009341
Book TitlePragnapanasutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages841
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size62 MB
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