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________________ ५७४ पिनासूत्रे ↑ कपायरसपर्यवैः, अम्लरसपर्ययैः, मधुररसपर्यवैः, कर्कश स्पर्शपर्यवैः, मृदुक स्पर्शपर्यवैः, गुरुकस्पर्शपर्ययैः, लघुकरपर्शपर्यवैः शीतस्पर्शपर्यवैः, उष्णस्पर्शपर्यवः, स्निग्धस्पर्शपर्यवैः, रूक्षस्पर्शपर्यवैः, आभिनिवोधिक ज्ञानपर्यवैः श्रुतज्ञानपर्यवैः, अवधिज्ञानपर्यवैः, मत्यज्ञानपर्यवैः श्रुताज्ञानपर्यवैः, विभङ्गज्ञानपर्यवैः, चक्षुर्दर्शनपर्यवैः, अचक्षुर्दर्शनपर्यवैः, अवधिदर्शनपर्यवैः, षट्स्थानपतितः, तत् एतेनार्थेन पर्यायों से (सुभिगंधपज्जवेहिं दुभिगंधपज्जवेहिं) सुगंध और दुर्गंध के पर्यायों से (तित्तर सपज्जदेहिं, कडुयरसपज्जवेहिं कसायरसपज्जवेहिं, अंबिलरसपज्जवेहिं, महुररसपज्जवेहिं) तिक्तकटुक - कषाय- आम्लमधुररस के पर्यायों से (कक्खडफासपज्जवेहिं, मडयफासपज्जवेहिं, गरुयफासपज्जवेर्हि, लहुयफासपज्जवेहिं, सीयफासपज्जवेहिं, उसिणफासपज्जवेहि, णिद्धफासपज्जवेहिं, लुक्खफासपज्जवेहिं) कर्कश -मृदुगुरु-लघु-शीत-उष्ण- स्निग्ध और रूक्ष स्पर्श के पर्यायों से (आभिणिवोहिय नाणपज्जवेहिं, सुयनाणपज्जदेहिं, ओहिनाणपज्जवेहिं) आभिनिबोधक ज्ञान के पर्यायों से, श्रुतज्ञान के पर्यायों से, अवधि - ज्ञान के पर्यायों से (मइअण्णापज्जवेहिं, सुयअण्णाणपज्जदेहिं विभंगनाणपज्जवेहिं) मत्यज्ञान के पर्यायों से, श्रुताज्ञान के पर्यायों से, विभंगज्ञान के पर्यायों से (चक्खुदंसणपज्जवेहिं, अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं) चक्षुदर्शन के पर्यायों से, अचक्षुदर्शन के पर्यायों से, अवधिदर्शन के पर्यायों से (छट्टाणवडिए) षट्स्थानपतित हैं (से) पज्जवेहिं, दुब्भिगंध पज्जवेर्हि) सुगन्ध भने दुर्गन्धना पर्यायाथी (तित्तरस पज्ज वेहिं, कडुयरस पज्जवेहिं कसायरस पज्जवेहि, अंबिलरस पज्जवेहिं, महुररस पज्जवेहिं) तिक्त २स, उटु, उषाय, आभ्स, भधुर रसना पर्यायोथी (कक्खड • फासपज्जवेहिं मउयफासपज्जवेहिं, गरुयफ (सपज्जवेर्हि, लहुयफासपज्जवेहिं सीयफासपज्जवेहिं उसिणका सपज्जवेहि, णिद्धफासपज्जवेर्हि, लुक्खफासपज्जवेहिं ) ४४, भृटु, गु३-सधु-शीत उष्णु स्निग्ध भने ३क्ष स्पर्शना पर्यायोथी (आभिणिवोहियनाणपज्जवेर्हि, सुगनाण पज्जवेईि) मालिनियोधि ज्ञानना पर्यायाथी श्रुतज्ञानना पर्यायाथी, अवविज्ञानना पर्यायाथी ( मइअण्णाणपज्जवेहिं सुयअण्णाणपज्जवेहि विभंगणाणपज्जवेहिं) भत्यज्ञानना पर्यायाथी, श्रुताज्ञानना पर्यायाथी विल ंगज्ञानना पर्यायाथी (चक्खुः सणपज्जवेहि अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं) यक्षुदर्शनना पर्यायोथी, मयनुदर्शनना पर्यायाथी, अवधिदर्शनना पर्यायाथी (छट्टाणवडि) छ स्थान अतित छे (से) अथ (एएणट्टेणं) मे हेतुथी (गोयमा) डे गौतम । ( एवं बुच्चइ) गेम डेवराय हे (असुरकुमाराणं अनंता पज्जवा
SR No.009339
Book TitlePragnapanasutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages1196
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size80 MB
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