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प्रबोधिनी टीका पद ४ सू.०९ वैमानिकदेवानां स्थितिनिरूपणम्
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गौतम !
पल्योपमानि अन्तर्मुहूर्त्तेनानि, ईशाने कल्पे अपरिग्रहिक देवीनां पृच्छा, जघन्येन सातिरेकं पल्योपमम्, उत्कृष्टेन पञ्चपञ्चाशत् पल्योपमान, अपर्याप्तकानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येनापि उत्कृष्टेनापि अन्तर्मुहूर्तम्, पर्याप्तिकान पृच्छा, गौतम ! जघन्येन सातिरेकं पल्योपमम् अन्तर्मुहूर्तोनम्, उत्कृष्टेन पञ्चपञ्चाशत् पल्योपमानि अन्तर्मुहूतनानि, सनत्कुमारे कल्पे देवानां पृच्छा, गौतम ! 'की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहणणेणं साइरेगं पलिओचमं अंतोमुहुत्तूर्णं) हे गौतम! जघन्य सातिरेक पल्योपस में अन्तर्मुहूर्त्त कम (कोसेणं नवपलिओ माई अंतोमुहुत्तूणाई) उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम नौ पल्योपम (ईसाणे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा ?) ईशान कल्प में अपरिगृहीता देवियों की कितनी स्थिति ? (गोयमा ! जहपण साइरेगं पलिओयमं, उक्कोसेणं पणपन्नाइ पलिओ माइ ) हे गौतम ! जघन्य सातिरेक एक पल्योपस की, उत्कृष्ट पचपन पल्योपम की ( अपज्जत्तयाणं पुच्छा ?) अपर्याप्त देवियों की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहणणेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्त ) हे गौतम! जघन्य भी और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की (पज्जत्तियाणं पुच्छा ?) पर्यातक देवियों की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहणणेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओ माइ अंतोमुहुतूmit) हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त कम सातिरेक पल्योपम की, उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त कम पचपन पल्योपम की ।
( सणकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा ?) सनत्कुमार कल्प में देवों की डेंटली ? (गोयमा जहण्णेणं साइरेगं पलि ओवमं अंतोमुत्तणं, उक्कोसेणं नव पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तणाई) हे गौतम | धन्यमन्तर्मुहूर्त शोछा साति२४ यस्योपमनी, ઉત્કૃષ્ટ અન્તમુહૂત ઓછા નવ પક્ષ્ચાપમની.
(ईसाणे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा) शानयां अपरिगृहीता देवियोनी स्थिति डेटसी छे ? (गोयमा । जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं उक्कोसेणं पण पन्नाई पलिओवमाइं) हे गौतम । धन्यथी सातिरे मे पहयायभनी भ्मने उत्सृष्ट पंचावन पापमनी (अपज्ञ्जत्तियाणं पुच्छा) अपर्याप्त देवियोनी स्थिति डेंटली ? (गोयमा । जहणणेण वि उक्कोसेण वि अतोमुहुत्तं ) डे गौतम !
धन्यथी भने उत्कृष्टथी पशु अतर्भुतनी (पज्जत्तियाणं पुच्छा) पर्याप्त हेवियोनी स्थिति डेटसी ? (गोयमा । जहणणं साइरेगे पलिओवमं अतोमुहुत्तणं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओबमाई) हे गौतम । धन्यथी अतर्मुहूर्त भ सातिरेषु પલ્યાપમની ઉત્કૃષ્ટ અને અંતર્મુહ એછા પંચાવન પલ્યોપમની.
(सकुमारे कप्पे दे॒वाणं पुच्छा १) सनत्कुमार मां देवानी स्थिति