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प्रमेययोधिनी टीका पद ३ सू.२ विशेपतो जीवानामल्पबहुत्वम् लान्तके कल्पे पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः, दिगनुपातेन सर्वस्तोकाः देवाः महाशुक्रे कल्पे पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षिणेन असंख्येयगुणाः, दिगनुपातेन सर्वस्तोका देवाः सहस्रारे कल्पे पौरस्त्यपश्चिमोत्तरेण, दक्षि__णेन असंख्येयगुणाः । तेन परं बहसमोपपन्नकाः श्रमणायुष्मन् ! दिगनुपातेन
सर्वस्तोकाः सिद्धाः दक्षिणेन उत्तरेण, पौरस्त्येन संख्येयगुणाः, पश्चिमेन विशेषाधिकाः, द्वारम् ॥सू० २॥ पूर्व, पश्चिम और उत्तर में हैं (दाहिणेणं असंखेज्जगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं।
(दिसाणुवाएणं) दिशाओं की अपेक्षा (सव्वोत्थवा देवा) सब से कम देव (महासुके कप्पे) महा शुक्र कल्प में (पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं) (पूर्व, पश्चिम और उत्तर में हैं (दाहिणणं असंखेज्जगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं।
(दिसाणुवाएणं) दिशाओं की अपेक्षा (सम्वत्थोवा देवा) सब से कम देव (सहस्सारे कप्पे) सहस्रार कल्प में (पुरच्छिम पच्चस्थिम उत्तरेणं) पूर्व, पश्चिम, उत्तर में हैं (दाहिणणं असंखेज्जगुणा) दक्षिण में असंख्यात गुणा हैं (तेण परं) उससे आगे (बहुसमोववन्नगा) बिल्कुल समान उत्पन्न होने वाले हैं (समणाउसो) हे आयुष्मन् श्रमणो! __ (दिसाणुवाएणं) दिशाओं को अपेक्षा (सव्वत्थोवा सिद्धा) सब से कम सिद्ध (दाहिणेणं उत्तरेणं) दक्षिण में और उत्तर दिशा में (पुर
(दिसाणुवाएण) यानी अपेक्षा (सव्वत्थोवा देवा) माथी माछ। हेव (महासुक्के) माशु ४५i (पुरच्छिमपच्चस्थिम उत्तरेण) पूर्व पश्चिम भने उत्तरभा छ (दाहिणे! असंखेज्ज गुणा) क्षिमा मस-यात गु छ
(दिसाणुवाएणं) हिमानी अपेक्षा (सव्वत्थोवा देवा) पाथी छ। हेव (सहस्सारे कप्पो) ससार ४८५मा (पुरच्छिम पच्चस्थिम उत्तरेणं) पूर्व पश्चिम भने उत्तरमा छ (दाहिणेणं असंखेज्ज गुणा) दक्षिणमा मन्यात गुणा छ (तेणं परं) तेनाथी भाग (बहुसमोववन्नगा) Code समान पन यना। (समणोउसो) 3 सायुज्यमन् श्रम।।
(दिसाणुवाएणं) हिशायानी अपेक्षा (सव्वत्थोवा सिद्धा) पाथी माछ। सिद्ध (दाहिण उत्तरेणं) क्षिा मने उत्तर दिशामा (पुरच्छिमेणं असंखेजगुणा) पूर्वमा मण्यात गुणा मधि छ (पच्चन्धिमेणं विसेमाहिया) पश्चिममा વિશેષાધિક છે ! ૨ છે