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प्रशापनास्त्रे एतस्य खलु भदन्त ! अधर्मास्तिकायस्य द्रव्यार्थप्रदेशार्थतया कतरेभ्यः कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका चा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा ! गौतम ! सर्वस्तोकः एको ऽधर्मास्तिकायो द्रव्यार्थतया सचैव प्रदेशार्थतया असंख्येयगुणः, एतस्य खलु भदन्त ! आकाशास्तिकायस्प द्रव्यार्थप्रदेशार्थतया कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका वा, तुल्या वा विशेषाधिका वा गौतम ! सर्वस्तोतः एकः आकाशास्तिकायो द्रव्यार्थतया, सचैव प्रदेशार्थतया अणंतगुणः, एतस्य खलु भदन्त ! जीवास्तिधर्मास्तिकाय है द्रव्य की अपेक्षा से (से चेव पएसष्टयाए असंखेजगुणे) वही प्रदेशों की अपेक्षा असंख्यातगुणा है। (एयस्स णं भते ! अधम्मथिकायस्स) हे भगवन् ! इस अधर्मास्तिकाय के (दवटपएसट्टयाए) द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से (कयरे कयरेहितो) कौन किससे (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?) अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? (गोयमा) हे गौतम ! (सव्वत्थोवे एगे अधम्मत्थिकाए दवट्टयाए) सब से कम एक अधर्मास्तिकाय है द्रव्य की अपेक्षा से (से चेव पएसट्टाए असंखेजगुणे) प्रदेशों की अपेक्षा से घही असंख्यातगुणा हैं । (एयस्स गंमते ! आगासत्थिकायस्स) हे भगवन् ! इस आकाशास्तिकाय के (दबट्टपएसट्टयाए) द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से (कयरे कयरेहितो) कौन किससे (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?) अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? (गोयमा) हे गौतम ! (सव्वत्थोवे एगे आगामस्थिकाए दवट्ठयाए) सबसे कम एक आकाशास्तिकाय है द्रव्य की अपेक्षा से
(एयस्स णं भंते । अधम्मत्थिकायस्स) 3 मापन ॥ मास्तियना (दबदपएसयाए) द्रव्य मने प्रशानी अपेक्षाथी ( कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा वहया वा तुल्ला वा विसेसिया वा) माछा पधारे तुइय अथवा विशेषाधि छ ? - (गोयमा । ) 3 गौतम ! (सव्वत्थोवे एगे अधरमत्थिकाए व्वट्ठयाए) सौथा भासा से मास्तिय द्रव्यनी अपेक्षा छ, (से चेव पण्सट्टयाए असंखेज्जगुणे) प्रशानी अपेक्षायेनी मेरी असण्यात छ.
(एयस्स णं भंते ! आगासस्थिकायस्स) सावन् ! म शास्तियना (दव्वद्रुपएसट्टयाए) द्रव्य भने प्रदेशानी अपेक्षा (कयरे कयरेहिंतो) डोनाथा (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया) २८५, घी, तुल्य मा२ तो विशेषाधिर छ ?
(गोयमा ।) गौतम । (सव्वत्थोवे एगे आगासत्थिकाए दवट्टयाए) माथी