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________________ प्रशापनासूत्रे णता अपि ५ । स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि १, मृद्कस्पर्शपरिणता अपि २, गुरुकस्पर्शपरिणत्ता अपि ३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि ४, शीतस्पर्शपरिणता अपि ५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि ६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि ७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि ८ । संस्थानतः परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि १, वृत्तसंस्थानपरिणता अपि २, व्यस्रसंस्थानपरिणता अपि ३, चतुरस्रसंस्थानपरिणता अपि ४, आयत संस्थानपरिणता अपि ॥५२०॥ रस परिणया वि) आम्लरसपरिणभन वाले भी है (महुररसपरिणयावि) मधुररसपरिणाम वाले भी हैं। (फासओ) स्पर्श से (कक्खडफास परिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफास परिणया वि) मृदु स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (गरुयफास परिणया वि) गुरुस्पर्श परिणन वाले भी हैं (लहुय फास परिणया वि) लघुस्पर्श परिणमन वाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीतस्पर्श परिणमन वाले भी है (उसिणफास परिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (णिद्धफास परिणया वि) स्निग्ध स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लुक्खफास परिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणमन वाले भी हैं। ___(संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणमन वाले भी हैं (वसंठाणपरिणयावि) वृत्तसंस्थान परिणमन वाले भी हैं (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिकोणसंस्थान परि णमन वाले भी हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चौकोर संस्थान परिणमन वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयतसंस्थान परिणमन वाले भी हैं। (२०) (फासओ) २५शथी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४२ २५ परिणामी ५ छ (मउयफ,सपरिणया वि) भृढ २५श परिणामी ५५ छ (गरुयफासपरिणय वि) शु३ २५ परिणाम पाणi पY छ (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणाम पाMi पY छ (सीयफासपरिणया वि) शीत २५ परिणामी प छ (उसिणफास परिणया वि) SLY २५श परिणामवाण ५४४ छ (णिद्धफासपरिणया वि) स्नि५२५श परिभvi पर छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३६ २५श परिमाणां पY छ (संठाणओ) सस्थानयी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभ उस सस्थान परिणाम पाणi ५ सय छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्तस स्थान परिणाम Mi पy छ (तंससंठाण परिणया वि) त्रिो सस्थान परिणाम पाणi पy छे (चउरंससंठाणपरिणया वि) यतु२ स स्थान परिणाम पा ५५ डाय छे (आययसठाणपरिणया वि) मायत संस्थान परिणाम पmi ५ छ । (२०)
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
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