________________
. .८१२
प्रशापासू
भवनवर्णकस्तथा भणितव्यो यावत् प्रतिरूपाणि अत्र खलु पिशाचानां देवानां पर्याप्ता पर्याप्तानां स्थानानि प्रज्ञप्तानि, त्रिष्वपि लोकस्य असंख्येयभागे, तत्र बहवः पिशाचाः देवाः परिवसंति, महर्द्धिकाः, यथा औधिकाः यावद विहरन्ति काल महाकाल अत्र द्वौ पिशाचेन्द्रौ पिशाचराजानौ परिवसतः, महर्द्धिको महातिकौ यावद् विहरतः कुत्र खल भदन्त ! दक्षिणात्यानां पिशाचानां देवानां स्थानानि प्रज्ञप्तानि ? कुत्र खलु भदन्त ! दाक्षिणात्याः पिशाचाः देवाः परि गोलाकार हैं (जहा ओहिओ भवणवण्णओ तहा भाणियन्वो) जैसा भवनों का समुच्चय वर्णन कहा वैसा इनका भी कह लेना चाहिए । (जाव) यावत् (पडिवा) अतीव सुन्दर हैं ।
"
( एत्थ णं) यहां (पिसायाणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं) पर्याप्त और अपर्याप्त पिशाच देवों के (ठाणा) स्थान (पण्णत्ता) कहे हैं (तिसु वि लोगस्स असंखेज्जइभागे) तीनों अपेक्षाओं से वे लोक के असंख्यातवें भाग में हैं (तत्य) वहां (बहवे ) बहुत (पिसाया देवा) पिशाच देव (परिवसंति) निवास करते हैं (महिड्डिया ) महान ऋद्धि के धारक ( जहा ओहिया) समुच्चय वानव्यन्तरों के वर्गन के समान ( जाव) यावत् (विहरंति) रहते हैं ( कालमहाकाला) काल और महाकाल (इत्थ) . इनमें (दुवे) दो ( पिसाविंदा) पिशाचों के इन्द्र (पिसारायाणो) पिशाचों के राजा ( परिवसंति) रहते हैं (महिड्डिया महज्जुहया (जाव विहति ) महद्धिक, महाद्युतिमान यावत् विचरते हैं ।
(हिणं ते! दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवानं ठाणा पण्णत्ता ?) (जहा ओहिओ भवण वण्णओ तहा भाणियव्यो) नेवु लवताना समुस्त्रय #ह्युछेतेषु भडी पशु सभल सेवु ले ये (जाव) (पडिरुवा) यावत् अतीव सुन्दर छे.
( एत्य णं) गडी (पिसायाण देवाणं पज्जत्तापज्जत्ता गं) पर्याप्त भने अपपर्याप्त पिशाय देवाना (ठाणा) स्थान (पण्णत्ता) ह्या छे (तिसु वि लोगस्स असंखेज्जइभागे) त्रणे अपेक्षाओोथी तेथे बोउना असं ज्यातमा लागभां छे. (तत्थ ) त्या ( वहवे ) धणा (रिसाया देवा) पिशाय देव (परिवसंति) निवास पुरे छे (महिडुढिया) भडान् ३द्धिना धा२४ ( जहा ओहिया) समुय्ययवान-व्यन्तरोना 'वर्षाननी समान (जाव) यावत् (विहरंति) रहे छे (कालमहाकाली) उस ने भडाउअस (इत्य) तेयोभा (दुवे) में (पिसायिदा) पिशायना ४न्द्र (पिसायरायणो ) पिशायोनारान्न (परिवसंति) रहे छे. (महिढिया महज्जुइया जाव विहरंति) મહર્ષિંક, મહાદ્યુતિમાન યાવત્ વિચરે છે
(कहि णं ते! दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं ठाणा पण्णत्ता ?) हे भगवन्