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________________ २१६ प्रधापनासूत्र पीठाधुपयोगी महान् पापाणविशेप:५, 'लोणसे' लवणं-सामुद्रादि६, उपः यद्वशाद् उपरं क्षेत्रं भवति७, 'अयं' अयो-लौधम्८, 'तंब' ताम्रम् ९, 'तउय', त्रपु-रङ्गः:१०, 'सीसय'-गीशकम् ११, 'रुप्प' रूप्यम् १२, "मुवण्णेय' मुवर्णम्१३,.. 'वइरेय' वज्रश्च हीरकः-अशनिः१४, ‘हरियाले' हरिताल:१५, 'हिंगुलए' हिगु-' लम्१६, 'मणोसिला'-मनःशिला१७, 'सासगंजणपवाले' 'सासगं'-पारद:१८, अजनम्-सौवीराजनादि१९, प्रवालम्-विद्रुमः२०, 'अभपडलमवालुय'-अभ्रपटळस्-मेघमाला२१, अभ्रवालुका-अभ्रपटलमितिवालुका२२, 'वायरकाए'बादरकाये-वादरपृथिवीकाये उपर्युक्ता द्वाविंशतिमैदा वोध्याः, 'मणिविहाणा' मणिविधानानि च-मणिभेदाश्च वादरपृथिवीकायभेदत्वेन विजेयाः तान्येव मणिविधानानि प्रदर्शयति___ 'गोमेज्जए य' गोमेज्जकः२३, चकारः समुच्चयद्योतका, 'रुयए' रुचक:२४, 'अंके' अङ्क:२५ ‘फलिहेय' स्फटिकश्च२६, 'लोहियक्खेय'-लोहिताक्षश्च२७, 'मरगए' मरकतः२८ 'मसारगल्ले'- मसारगल्लः २९, 'भुयमोयग'-भुजमोचक:जिसे उकेरा जा सके । () शिला-रचना के योग्य-देवकुल की पीठिका. के योग्य महान् पाषाण । (६) समुद्री आदि नमक (७) ऊष, जिसके कारण क्षेत्र ऊषर हो जाता है। (८) अय-लोहा (२) तांबा (१०) रांगा (११) शीशा (१२) चांदी (१३) सोना (१४) वज्र-हीरा, अशनि (१५) हडताल (१६) हिंगलू (१७) मैनसिल (१८) पारा (१२) सौवीर आदि अंजन (२०) सुंगा (२१) अभ्रपटल-अभरख (२२) अभ्रवालुका (भभरख: से मिश्रित वालका) ये बाइस चादर पृथ्वीकाय में समझना चाहिए और मणियों के भेद भी बादरपृथिवीकाय के भेद' समझना चाहिए । मणियों के भेद इस प्रकार हैं-(२३) गोमेद (२४) रुचक (२५) अंक (२६) स्फटिक (२७) लोहिताक्ष (२८) मरकत (२९). (૫) શિલા–દેવકુલની પીઠીકાને યોગ્ય મોટો પથ્થર (6) (समुद्रनु भी (७) ५,रेने ५२ ४९ छे. (८) मय हो (८) diy(१०) रा॥ (११) शिशु (१२) याही (१3) सानु (१४) --ही। (अशनि) (१५) उतारा (36) ही (१७) भएर शीद (१८) पारे। (१८) सौवीर (विगेरे माvy) (२०) भु॥ (२१) मम પટલ અબ્રખ (૨૨) અભ્રવાલુકા–અબ્રફથી મળેલી વેળુ-રેતી આ બાવીસ ભેદ બાદર પૃથ્વીકાયના સમજવાના છે અને મણિઓમાના ભેદ પણ બાદર પૃથ્વીકાયના ભેદ સમજવા જોઈએ. મણિઓના ભેદ આ રીતે છે– (२३) गमे (२४) ३२४ (२५) २४ (२६) २३४ (२७) साहिताक्ष
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
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