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पीयूषयपिणी-टीका सू ३० अषमोदरिकातपोमर्णनम्
२११ यरिया य २। से किं तं दबोमोयरिया ? दव्योमोयरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-उवगरणदव्योमोरिया य १ भत्तपाणदव्योमोयरिया य २।से किंतं उवगरणदब्बोमोयरिया ? उवगरणदव्योमोयरिया तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-एगे वत्थे १ एगे पाए २ चियरा कथिता त जहा' तद्यथा-'दब्योमोयरिया य द्रव्यावमोदरिका च । 'भावोमोयरिया य' भावाऽप्रमोदरिका च । 'से किं तदबोमोयरिया ? अथ का सा द्रव्याऽप्रमोदरिका , 'दबोमोयरिया दुविधा पण्णत्ता' द्रव्यावमोदरिका द्विविधा प्रजमा, 'त जहा'-तद्यथा 'उवगरणदव्योमोयरिया य' उकरणद्रव्यावमोदरिका च १ । 'भत्तपाणदबोमोय. : रिया य' भक्तपानन्यावमोदरिका च २ । 'से किंत उवगरणदव्योमोयरिया' अथ का सा उपकरणहन्यानमोदरिका ? 'उवगरणदव्योमोयरिया तिपिहा पण्णत्ता' उपकरणद्रव्यावमोदरिका त्रिविधा प्रजमा, 'त जहा' तयथा-१ 'एगे वत्थे' एक वस्त्रम्-एकचोलपट्टरूप वस्त्र न द्वितीयम् , २-'एगे पाए' एक पानम् , ३-'चियत्तावगरणसाइदो प्रकारका है, [त जहा] वे दो प्रकार ये है-दबोमोयरिया य भावोमोयरियाय) एक द्रव्यामोदरिका और दूसरी भावावमोदरिका । [से कि त दबोमोयरिया] प्रश्नवह द्रव्यावमोदरिका क्या है-कितने भेटवाली है? उत्तर-दव्योमोयरिया दुविहा पण्णता] व्यावमोदरिका तो भेटवाली है, [ त जहा] वे दो प्रकार इस तरह है-उवगरणदबोमोयरिया य भत्तपाणदव्योमोयरिया य] १ उपकरणद्रव्यावमोदरिका और २ भक्तपानद्रव्यापमोडरिका । [उवगरणदलोमोयरिया तिविहा पण्णत्ता] इनमे उपकरणद्रव्यावमो-रिका तीन प्रकार को है। (त जहा) वे तीन प्रकार ये है-[एगे वत्ये एगे पाए चियत्तोवगरणसाइनणया] एक वस्त्र १, एक पात्र २, और तीसरा त्यक्तोपफरणस्वादनता
छे (तजहा) ते मे ४२ मा छ-(दव्योमोयरिया य भावोमोयरिया य) मे द्रव्यापमहरिसन. मी लावावमारि (से किं तं दव्योमोयरिया) प्रश्न- ये द्रव्यावभावरि। शुछ ? सा प्रारनी छ ? (दव्योमोयरिया दुरिहा पण्णत्ता) उत्तर-ते में प्रारी छ-(तं जहा) मे १२ मावा छे (उवगरणदव्योमोयरिया य भत्तपाणवोमोयरिया य) १७५४२ द्रव्यापमोहरिश। मने मील मतानद्रव्यापारि४ ( उपगरणदव्योमोयरिया तिविहा पण्णत्ता) तभी 6५४२९ द्रव्यापारि४ y st२नी छ (त जहा) ते ४२ ॥ छ-(एगे वत्थे एगे पाए चियत्तोषगरणसा इज्जणया ) १ मे १स, जीतु मे पात्र, भने त्री त्यस्तो५४२शुस्वा