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पीयूषषिणी-टीका. स. २३ भगवदन्तेयामिघर्णनम पव्वइया, भोगपव्वइयो, राइपण-णाय-कोरव्व-खत्तिय-पव्वइया, भडा जोहा सेणावई पसत्थारो सेट्टी इन्भा, अण्णे य वहवे 'भोगपवइया' भोगप्रजिता -कपभदवेन ये पूर्व गुरुत्वेन स्थापितास्तद्वराजा भोगा इत्युप्यन्ते, भोगाथ ते प्रत्रजिता दीक्षिता भोगप्राजिता , भोगकुलोपन्ना दीक्षिता इत्यर्थ । 'राइण्ण-णाय-कारब-खत्तिय-पन्नइया' राजन्य-जात-कौरव-क्षत्रिय प्रनजिता -ये तेनैव मित्रवेन व्यवस्थापितास्तद्वयनाथ गजन्या उच्यन्ते, जाता इक्ष्वाकुषणपिशेपे जाता , कौरवा -कुरुनगोपना , खत्तिय क्षत्रिया -क्षतात त्रायन्ते इति क्षत्रिया , ते राजन्यादय प्रत्रजिता , 'भडा'-भटा-चाग्भटा -पदातय , 'जोहा 'योधा -भटभ्यो विशिष्टतरा सहस्रपरिमितैरपि रिपुसैनिकैरेकाकिनोऽपि योद्धु समा । 'सेणाई' सेनापतय -सैन्यनायका , 'पसत्यारो' प्रयास्तार -शासका नातिशास्त्रधुरीगा , "सेट्टी' श्रेष्ठिन - लक्ष्मीदेवताऽध्यासितसौवर्णपद्रमण्डितमस्तका, 'इभा' इभ्या उभो हस्ती तप्रमाणपरिमितमुवर्णादिराशिस्वामिन । एते सर्वे प्राजिता अन्तेयासिनो जाता । ये-च(भोगपवइया) जिन्हे आदिनाथ प्रभुने गुरुरूप से स्थापित किया या उन भोगा के का के थे । कितनेक (राइण्ण-णाय-कोरब-वत्तिय-पवइया) प्रभुने जिन्हे अपने मित्ररूप से स्थापित किया था उन राजन्यों के वा के थे, कितनेक ज्ञात-उदयाकुपा के थे, कितनेक कौरव-कुरुवा के थे, कितनेक क्षत्रियवश के थे। ऐसे ही (भडा जोहा सेपावई पसत्यारो सेट्ठी इन्भा) भट-सामान्यवार, योधा अकेले ही हजारों शत्रुसैनिकों से युद्ध करने में समर्थ वीर, तथा सेनापति, प्रशास्ता न्यायाधीश, सेठ-सर्वापेक्षा अधिक धनी होने का सूचक राजप्रदत्त पट्टबन्ध को धारण करने वाले नगरसेठ, और इभ्य= हाथी प्रमाण सुवर्णादि राशिके स्वामी भी भगवान् के समीप प्रबजित हुए थे।
साम (भोगपव्वइया ) भने माहिनाय प्रमुग शु३३ये स्थापित र्या तत सागपशना लता मागे (राइण्ण-णाय-कोरव्य-सत्तिय पव्यया) પ્રભુએ જેમને પિતાના મિત્રરૂપે સ્થાપિત કર્યા હતા તે રાજન્ય-વશના હતા કેટલાએક જ્ઞાત= ઈક્વાકુવશના હતા કેટલાક કૌરવ કુવશના હતા, 21 क्षत्रियशना ततभा (भडा जोहा सेणावई पसत्यारो सेट्ठी इभा) ભટ સામાન્યવીર યોદ્ધા-એકલાજ હજારે શત્રુ સિનિક સાથે યુદ્ધકરવામાં સમર્થનીર, તથા સેનાપતિ, પ્રશાસ્તા-ધારાશાસ્ત્રમાં નિપુણ, સેઠસર્વની અપેક્ષાએ વધારે પૈસાદાર હોવાનું સૂચક રાજ્યતરફથી અપાએલ પગ ધ (ઈલકાબ) ધારણ કરવા વાળા નગરશેઠ, અને ઇભ્યન્હાથી જેવડા સુવર્ણના ઢગલાના સ્વામી પણ ભગ पान पासे प्रति ययाता (अण्णे य यहवो एवमाइणो) लापानी पासे गीत