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________________ विषय . । । । 05urs १५ . ॥श्रीः ॥ ॥ अथ अन्तकृतदशाङ्गसूत्र की विषयानुक्रमणिका ।। अनुक्रमाङ्क विषय ___पृष्ठसंख्या मङ्गलाचरण । १-२ पूर्वाङ्ग के साथ इस अङ्ग के सम्बन्धका निरूपण । २ - ३ चंपानगरी का वर्णन । सुधर्मास्वामी का चम्पानगरी म समवसरण । जम्बूस्वामी का प्रश्न । ११-१२ सुधर्मास्वामी का उत्तर । १२--१४ जम्बूस्वामी का प्रश्न । द्वारावती का वर्णन । १५-१७ रैवतक-पर्वत-आदि का और कृष्णवासुदेव का वर्णन । १७-२२ गौतम का जन्मादिसे लेकर विवाहपर्यन्तका वर्णन। २२-२४ गौतम की मत्रज्या।। २४-२७ ___गौतम की सिद्धि-प्राप्ति। २७-२९ समुद्रादि-विष्णुपर्यन्त को सिद्धिगति की प्राप्ति । ३०-३२ अक्षोभादिक का वर्णन ३२-३४ १५ अणीयससेन का वर्णन । ३५-४३ अनन्तसेनादि का और सारण का वर्णन ४४-४६ १७ छह अनगारों का वर्णन । ४६-५८ देवकी का मानसिक विचार, और अर्हद् अरिष्टनेमि के समीप गमन। ५९-६२ देवकी के संशयनिवृत्ति के लिये उनके प्रति भगवान का वचन । ६२-६७ देवकी देवी का वात्सल्य । ६८-७० देवकी का मानसिक संकल्प । ७१-७३ देवकी और श्रीकृष्ण का संवाद । ७३-७५ कृष्ण का हरिणैगमेषी देव की आराधना । ৩৪-৩৩
SR No.009332
Book TitleAntkruddashanga Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages392
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size24 MB
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