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माताणा
तत्र-तस्मिन् देशे खलु श्रावस्ती नाम नगर्यासीत । तत्र धारस्त्या नगयों खल 'रुप्पी' कमी-रुक्मिनामा कुणालाधिपतिः कुणालदेगाधिपतिर्नाम-मसिद्धः राजाऽऽसीदछ । तस्य ग्यलु रुक्मिणो दुहिता-पुत्री धारिणीदेव्या आरममा-गर्म समुत्पन्ना,समाहुर्नाम=सुबाहुनाम्नी दारिकाम्न्य का आसीत् । सा सुबाहुदारिका कीदृशीत्याह-'सुउमालपाणिपाया' मुहमारपाणिपादा-कोमटकरचरणवती, तपारूपेण-आकृत्या वर्णेन च, यौग्नेनस्तारण्येन, कारण्येन चोत्कृष्टा उत्कर्षवती प्रधानेत्यर्थे , अतएव-उत्कृष्ट शरीरा-परममुन्दरागी यापन सफलनिवागुणसपना (तत्थण सोवत्थी नाम नयरी शेत्या ) उस जनपद-देश-में श्रावस्ती नाम की नगरी थी। (तत्थण रुप्पी कुणालादिवई नाम राया होत्यातस्सणं रुप्पिस्स धुया धारिणी| देवीए अत्तया सुयानाम दारिया होत्या ) उस श्रावस्ती नगरी में कुणाल देश के अधिपति जिन का नाम रूपमी था रहते थे। इस रूपमी राजा की एक पुत्री थी। जिस का नाम सुधार था। ___ यह धारिणी देवी के गर्भ से उत्पन्न हुई थी। (सुकमाल० रूवेण य जोव्वणे ण लावण्णेण य उस्किहा, उरिकह सरीरा जाया यावि होत्था) इस के हाथ और चरण ही अधिक सुकुमार थे । यह रूप-आकृति और वर्ण से यौवन से तथा लावण्य से सय में सुन्दर मानी जाती थी। इस कारण यह परम सुन्दराङ्गी थी और स्त्री सबधी समस्त गुणों से युक्त जणवए होत्था) मुथार नाम नपा शेटले देश तो (तत्थण सावत्थी नाम नगरी होत्था) ते अन५४-हेशमा श्रारती नामे नगरी ती
(तत्थण रुप्पी कुणालहिवई नाम राया होत्या तस्स ण सप्पिस्स धुया धारि पीए देवीए अतया भुवाहु नाम दारिया होत्था)
શ્રાવસ્તી નગરીમાં કુણાલ દેશના અધિપતિરુકમી રહેતા હતા કમી, રાજા ને એક પુત્રી હતી તેનું નામ સુબાહુ હતુ
ધારિણે દેવીના ગર્ભથી તેને જન્મ થયે હતું (सुकुमाल० रूवेण य जोमणे ण लावण्णेण य उकिटा, उकिट्ठसरीरा जाया याचि होत्था)
તેના હાથપગ ખૂબ જ સુકોમળ હતા તે રૂપ, આકૃતિ, યૌવન, તેમજ લાવણ્ય બધામા સુદાર ગણુની હતી તેથી તે પૂબજ સુ દર અગેવાળી અને શ્રી સબ ધી બધા ગુણેથી યુક્ત હતી