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trafat afat श०३१ उ. १ सू०१ चतुर्युग्मनिरूपणम्
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कस्मात् स्थानविशेषादागत्य नरकावासे समुत्पयन्ते ? इति प्रश्नः, भगवानाह - 'एवं जहेब' इत्यादि, 'एवं जहेब खुड्डागकडजुम्मे' एवं यथैव क्षुल्लककृतयुग्ममकरणे नारकाणामुत्पत्ति दर्शिता तथैव इहापि क्षुल्लककल्योज नारकाणां न नैरयिकेभ्य उत्पत्तिः किन्तु पञ्चन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्यः तथा गर्भजमनुष्येभ्यथा.
ये समुत्पत्तिर्भवतीति । 'नवर' परिमाणं एको वा, पंच वा, नव वा, तेरस वा संखेज्जा वा, असं खेज्जा ना उनवज्जंति' नवरस् केवलं परिमाणं कृतयुग्म नारकाद्विलक्षणं तदिदम् एको वा, पञ्च वा, नव वा, त्रयोदश वा संख्याता वा, नरकावास में उत्पन्न होते हैं ? उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'एवं जहेत्र खुड्डाग कडजुम्मे' हे गौतम । जैसा कथन क्षुल्लक कृमयुग्म प्रकरण में नारको' के उत्पाद के विषय में किया गया है उसी प्रकार से वह प्रकरण इस क्षुल्लक फल्योज नारकों के प्रकरण से उत्पाद के विषय में भी कहना चाहीये। इस प्रकार क्षुल्लक कल्पोज नारक नैरधिकों में से आकर के उत्पन्न नहीं होते हैं और न देवें में से आकर के उत्पन्न होते हैं किन्तु वे पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों में से आकर के नरकावास में उत्पन्न होते हैं, और गर्भज मनुष्यों में से आकर के वहाँ उत्पन्न होते हैं । 'नवरं परिमाणं एकको वा पंच वा नव वा तेरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उबवज्जंति' यहां पर कृतयुग्म नारकों के प्रकरण से यदि कोई विशेषना है तो वह परिमाण की अपेक्षा से ही है, अतः यहां पर क्षुल्लक कल्योज नारकों का प्रमाण एक समय में उत्पत्ति का एक अथवा पांच अथवा नौ अथवा
उत्पन्न थाय छे ? या प्रश्नना उत्तरमा अनुश्री छे - ' एवं जहेव खुड्डा गकडजुम्मे' हे गौतम! क्षुस्सा द्रुतयुग्भ प्रभावाजा नारजना संयधमां ने પ્રમાણેનુ' કથન કરવામાં આવ્યું છે, એજ પ્રમાણે તે પ્રકરણ આ ક્ષુલક કલ્ચાજ નારક સબંધી પ્રકરણુ તેમના ઇત્પાદના સંબોંધમાં પણ કહેવું જોઇએ, આ રીતે ક્ષુલ્લક કલ્યાજ નારક નૈયિકામાંથી આવીને ઉત્પન્ન થતા નથી તેમ દેવામાંથી આવીને પણ ઉત્પન્ન થતા નથી. પરંતુ તે પચેન્દ્રિય તિર્યંચ ચેનિકામાંથી આવીને નરકાવાસમાં ઉત્પન્ન થાય છે, અને ગજ મનુષ્યામાંથી આવીને નરકાવાસમા ઉત્પન્ન થાય છે
'नवर' परिमाणं एको वा पांचवा नव वा वेरसवा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववज्जति' गडियां भी कृतयुग्न नारोना अरमां ने अर्ध विशेषपायु છે, તે તે પરિણામના સૌંધમાં જ છે, તેથી અહિયાં ક્ષુલ્લક લ્યેાજ નારકાની ઉત્પત્તિનું પ્રમાણુ એક સમયમાં એક અથવા પાંચ અથવા નવ અથવા