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भगवतीसूत्रे खलु भदन्त ! किं क्रियावादिनोऽक्रियावादिनोऽज्ञानिकवादिनो वैनविकवादिनी वेति प्रश्नः पृच्छया संगृह्यते । भगवानाह-पोयमा' इत्यादि, 'गोयना' हे गौतम ! 'किरियावाई,वि जाव वेणइयवाई वि' क्रियावादिनोऽपि याबद्वैनयिकवादिनोऽपि भवन्ति विलक्षणपरिणामवत्यात् अत्र यावत्पदेना क्रियावादिनोऽपि अज्ञानिकवादिनोऽपि, इत्यनयोः संग्रहः । 'सलेरहा णं भंते ! नेरच्या किं किरियावाई०' सलेश्याः खलु भदन्त ! नैरयिकाः किं क्रियावादिनो यावद् वैनयिकवादिन इति प्रश्नः पृच्छया संगृह्यने । उत्तरमाह--एवं-वेव' एवम्-सामान्यतो नारकदेव सलेश्यनारका अपि क्रियावादिनी यावद् बैनयिकवादिनो भवन्तीति । वादी होते हैं ? या अक्रियाशदी होते हैं ? या अज्ञानवादी होते हैं ? या वैनयिकवादी होते हैं ? उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'गोयना ! किरियावाई नि जाच वेणझ्यचाई चि' हे गौतम! नैरषिक जीव क्रियावादी सी होते हैं, अक्रियावादी भी होते है अज्ञानवादी भी होते है और चैनयिक्षवादी भी होते हैं । क्यों की इनके इसी प्रकार के विलक्षण परिणाम होते हैं। 'सलेस्लाणं भंते ! णेरड्या कि किरियामाई०' हे भदन्त । जो नैरयिक जीव लेश्य होते हैं वे क्या क्रियावादी होते हैं ? या अक्रियावादी होते हैं ? या अज्ञानवादी होते हैं ? या चैनथिकवादी होते हैं ? उत्तर में प्रलुश्री कहते हैं-'एवं चेव' हे गौतम! सामान्य नारक के जैसे खलेश्य नारक भी क्रियावादी भी होते हैं, अक्रिया: वादी भी होते है, अज्ञानवादी भी होते हैं और नयिक्षवादी भी पाही पडाय छे. नेरइया णं भते ! किं किरियावाद पुच्छा' हे सगवन् नैर. યિક જીવે શું કિયાવાદી હોય છે ? અકિયાવાદી હોય છે? અથવા અજ્ઞાન વાદી હોય છે? અથવા વિનયિકવાદી હોય છે? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુશ્રી
'गोयमा ! किरियानाई वि जाव वेणइयवाई वि' गौतम ! यि છ કિયાવાદી પણ હોય છે. અકિયાવાદી પણ હેય છે, અજ્ઞાનવાદી પણ હોય છે અને વનયિકવાદી પણ હોય છે. કેમ કે તેઓને એ પ્રમાણેનું विसक्षस परियाम य छे. 'सलेस्सा णं भवे ! णोरइया कि झिरियावाई 8 ભગવાન જે નરયિક જી લેશ્યાવાળા હોય છે તેઓ શું કિયાવાદી હોય છે? અથવા અક્રિયાવાદી હોય અથવા અજ્ઞાનવાદી હોય છે? અથવા वनयिवाही डाय छ १ मा प्रश्न उत्तरमा प्रभुश्री ४९ छे -'एव चेव' હે ગૌતમ! સામાન્ય નારકના કથન પ્રમાણે લેફ્સાવાળા નારક પણ કિયાવાદી પણ હોય છે, અક્રિયાવાદી પણ હોય છે, અજ્ઞાનવાદી પણ હોય છે, અને