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भगवती सूत्रे जहा रहया' शेषा यथा नैरयिकाः, शेषा:- एकेन्द्रियादिभिन्ना वानव्यन्तरज्योतिष्कवैमानिकाः जीवाः, नो आत्मोपक्रमेण न वा परोपक्रमेण उद्वर्तन्ते किन्तु निरुपक्रमेणैव उद्वर्तन्ते इत्यर्थः । ' नवरं जोइसियवेमाणिया चयंति' नवरं केवलं ज्योतिष्कवैमानिकाच्यवन्ते अयमाशयः एकेन्द्रियादारभ्य मनुष्यपर्यन्तजीवान् मुक्त्वा शेषा जीवा वानव्यन्तरज्योतिष्कवैमानिकाः निरुपक्रमेण उद्वर्तन्ते इति कथितं तत्रैताद्वैलक्षण्यम् अत्रगन्तव्यं यत् ज्योतिष्कवैमानिकदण्डके 'उद्वर्तन्ते' इति न वक्तव्यं किन्तु उद्वर्तनस्थाने च्यवनं निवेश्यते, ज्योतिष्कवैमानिका निरुपके विक्रम से भी उद्वर्त्तना होती हे यही इस कथन का भाव है'सेसा जहा नेरइया' इनसे भिन्न जो वानव्यन्तर, ज्योतिष्क एवं वैमानिक जीव हैं वे न आत्मोपक्रम ले उद्वर्त्तना करते हैं और न परोपकम से उद्धर्त्तना करते हैं किन्तु निरुपक्रम से ही उतना करते हैं । 'नवरं जोइसियवेमानिया चयंति' इसका तात्पर्य ऐसा है कि ज्योतिष्क, एवं वैमानिक ये निरुपक्रम से उद्धर्त्तना करते हैं ऐसा जो कहा गया है सो उद्वर्त्तना के स्थान 'च्यवन' इस पद का प्रयोग करके ऐसा कहना चाहिये कि एकेन्द्रिय से लेकर मनुष्य पर्यन्त के जीव आत्मोपक्रम से परोपक्रम से एवं निरुपक्रम से इन तीनों प्रकार से भी उद्वर्त्तना करते हैंपरन्तु ज्योतिष्क एवं वैमानिक जो जीव हैं वे निरुपक्रम से ही च्ययन करते हैं तात्पर्य यही है कि देवों के दण्डकों में ज्योतिष्क एवं वैमा निक देवों के सूत्र में - उर्त्तना शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिये
उभथी पशु उद्वर्तना रे, सेना स्थनतो लाव छे. 'सेसा जहा नेरइया' नाथी मील ने वनव्यन्तर, ज्योतिष्णु, भने वैभातिः वा छे, તે આત્માપક્રમથી ઉદ્ધૃતના કરતા નથી તેમજ પરીપક્રમથી પણુ ઉદ્ભના कुरता नथी परंतु निइयभथी उद्वर्तना रे छे. 'नवर' जोइसिय वेमा - जिया चयंति' मा उथनतु तात्पर्य मे छे है-वानव्य ंतर ज्योतिष्ठ भने વૈમાનિક આ બધા નિરૂપક્રમથી ઉદ્દતના કરે છે, એ પ્રમાણે જે કહેવામાં मान्छे, तो ते उद्वर्तनाने स्थाने 'च्यवन' मे यह प्रयोग उरीने भेवु કહેવું જોઈએ કે એકેન્દ્રિયથી લઈને સનુષ્ય સુધીના જીવા તા આત્નેપક્રમથી, પરોપક્રમથી, અને નિરૂપકમથી એ ત્રણે પ્રકારથી પણ ઉદ્ધૃત'ના કરે છે પરંતુ વાનભ્યન્તર યાતિ અને વૈમાનિક જે જીવ છે, તેએ નિરૂપક્રમથી જ ચ્યવન કરે છે, કહેવાનું તાત્પર્ય એજ છે કે દેવાના દડકામાં વાનન્ય’તર, જ્યાતિષ્ઠ, અને વૈમાનિક દેવાના સૂત્રમાં ઉદ્ધૃતના શબ્દના પ્રયાગ કરવા ન