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भगवतीसूत्रे 'निगोदस्य अपर्याप्तकस्य जघन्यावगाहना १ । सूक्ष्मवायुकायिकस्य अपर्याप्तकस्य जघन्याऽवगाहना असंख्येयगुणाः २ । मूक्ष्मतेजाकायिकस्यापर्याप्तस्य जघन्या. ऽवगाहना असंख्येयगुणाः ३ । सूक्ष्माऽपू कायिकस्यापर्याप्तस्य जघन्याऽवगाइना असंख्येयगुणा ४। सूक्ष्मपृथिवीकायिकस्य अपर्याप्तस्य जघन्याऽवगाहना असं
उ०—(गोयमा) हे गौतम ! (सव्वत्थो वा) सघ से कमती अवगा. हना (सुहमनिओयस्स अपज्जत्तगस्स) सूक्ष्मनिगोदिया अपर्याप्तक जीव की (जहनिया ओगाहना) जघन्य है अर्थात् सूक्ष्मनिगोदिया अप. प्ति जीव की जो जघन्य अवगाहना है वह सब से कम है। (सुहमवाउकाइयरस अपज्जत्तगस्त जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा) इससे असंख्यातगुणी जघन्य अवगाहना अपर्याप्तक सूक्ष्मवायुकायिक जीव की है। (सहुमतेउकाइयस्स अपजत्तगस्स जहनिया ओगाहणा असंखेनगुणा) सूक्ष्म अपर्याप्तक तेजस्कायिक जीव की जघन्य अवगाहना वायुकायिक जीव की जघन्य अवगाहना से असंख्यातगुणी है। (सुहमआउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहनिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा) सूक्ष्म अपर्याप्तक अकाधिक की जघन्य अवगाहना सूक्ष्म अपर्याप्तक तेजस्कायिक की जघन्य अवगाहना से असंख्यातगुणी हैं (सुहमपुढवीकाइयस्स अपज्ज. तगस्ल जहन्निया ओगाहणा असखेज्जगुणा ५) सूक्ष्म अपर्याप्तक अप्कायिक की जघन्य अवगाहना से अपर्याप्त सूक्ष्मपृथिवीकायिक की
__G. 'गोयमा!' गीतम! 'सव्वत्थो वा' माथी माछी माना 'सुहमनिमओयस्स अपज्जत्तगस्व' सूक्ष्म निगहिया अपर्याप्त वानी 'जहनिया ओगाहणा' धन्य माना छ. अर्थात सूक्ष्म निगोहिया अपर्याप्त
वानी २ धन्य माना छे. माथी भ छ, 'सुहम वाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहनिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा' तनाथी भ्याताणी न्य ससाना अति सूक्ष्म वायुयि: वानी छ. 'सुहुमतेउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा' सूक्ष्म अपर्याप्त यि જીવોની જઘન્ય અવગાહના વાયુકાયિક જીવની જઘન્ય અવગાહનાથી અસંज्यात ही छ 'सुहुमआउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेजगुणा' सूक्ष्म अपर्याप्त अ५४ायिः पनी धन्य साना सूक्ष्म म५. यति यिनी धन्य मानाथी असन्यात भी छे. 'मुहुम पुढवीकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा५' सूक्ष्म अयથપ્તક અપ્રકાયિકની જઘન્ય અવગાહનાથી અપર્યાપ્તક સૂફમ પૃથ્વિકાયિકની