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प्रमैयचन्द्रिका टीका शे०१६ उ० ८ ० १ लोकस्वरूनिरूपणम् २६१ एगिदियपएसा य आणिदियपएसा य, अहवा एगिदियपएसा य अणिदियपएसा य, बेइंदियस्स पएसा य अहवा एगिदियपएसा य अणिदियपएसा य दियाणय पएसा एवं आदिल्लविरहिओ जाव पंचिंदियाणं अजीवा जहा दसमसए तमाए तहेव निरवसे सं। लोयसल णं भंते ! हेटिल्ले चरिमंते कि जीवा० पुच्छा गोयमा! नो जीवा जीव देसा वि जीव पएसा वि. जाव अजीव पएसा वि जे जोरदेसा ते नियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसाय वेदियस्स देसे अहना एगिदिय देसाय बेंदियाणय देसा-एवं मझिल्लविरहिओ जाव अणिदियाणं पएला आइल्लविरहिया सव्वेसिं जहा पुरथिमिल्ले चरिमंते तहेव अजीवा जहेव उवरिल्ले चरिमंते तहेव । इमीले णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए पुरथिमिल्ले चरिमंते किं जीवा० पुब्छा गोयमा ! नो जीवा एवं जहेब लोगस्ल तहेव चत्तारि वि परिमंता जाव उत्तरिल्ले उवरिल्ले तहेव जहा दसमसए विमलादिसा तहेब निरवसेसं हेट्रिल्ले चरिमंते जहेव लोगस्ल हेहिल्ले चरिमंते तहेव नवरं देसे पंचिंदिएसु तियभंगो त्ति सेसं तंचेव। एवं जहा रयणप्पभाए चत्तारि चरिमंता भणिया एवं सकरप्पभाए वि उपरिमहेटिल्ला जहा रयणप्पभाए हेडिल्ले, एवं जाव अहे सत्तमाए। एवं सोहम्मस्स वि जाव अच्चुयस्त । गेविज्जविमाणाणं एवं चेव नवरं उवरिमे हेट्रिल्लेसु चरमंतेसु देसेसु पंचिदियाण वि मल्झिल्लविरहिओ चेत्र सेसं