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प्रमेयान्द्रका टीका श० १२ १०४ सू० १ परमाणुपुद्गलनिरूपणम् १३ सिए खंधे एगयओ तिन्नि संखेजपएसिया भवंति, अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया भवंति। एवं एएणं कमेणं पंचग संजोगो वि भाणियबोजाव नवगसंजोगो। दसहा कज्जमाणे एगयओ नव परमाणुपोग्गला, एगयओ संखेन्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपोग्गला, एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ संखेजप्पएसिए खंधे भवइ। एएणं कमेणं एकको पूरेयवो जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे, एगयओ ना संखेजपएसिए खंधा भवति, अहवा दस मुखेजपएसिया खंधा भवति। संखेनहा काजमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला, भवंति । असंखेज्जा भंते ! परमाणुपोग्गला, एगयओ साहपणति, एगयओसाहपिणत्ता किं भवइ ? गोयमा ! असंखेजपएसिएखंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहाविजाव दसहा वि संखेज्जहा वि,असंखेज्जहा वि कज्जइ।दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ असंखज्जपएसिए खंधे भवइ, जाव अहवाएगयओ दसपएसिए खंधे, एगयओ असंखिज्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओसंखेजपएसिए खंधे,एगयओ, असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो असंखेन्जपएसिया खंधा भवंति। तिहाकज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुप्पएसिए खंधे, एगयओ असंखेज्जपएलिए खंधे, भवइ, जाव, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दसपएसिए खंधे,