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प्रमेयचन्द्रिका टीका श० १२ ४०४ सू० ३ औदारिकपुलपरिवर्तनितनानि. १३५ पूर्वपरिणामापेक्षया परिणाममन्तरेण विहितानि प्रस्थापितानि स्थिरीकृतानि, निविष्टानि-यतः प्रस्थापितानि अतोजीवेन स्वयं निविष्टानि, प्रविष्टानि, अभिनिविष्टानि - अभितः - सामस्त्येन निविष्टानि - समस्तानि जीवे संळग्नानि, अभिसमन्यागतानि - अभिविधिना व्यातिन्यायेन सर्वाणि समन्वागतानि जीवेन रसानुभूर्ति समाश्रित्य सम्माप्तानि, 'परियाइयाई, परिणामियाई, निज्जिन्नाई, निसिरियाई, निसिहाई भवंति ' पर्यातानि जीवेन सर्वावयवावच्छेदेन तद्रसादानद्वारेण. - आतानि गृहीतानि परिणामितानि - रसानुभूतिद्वारैव परिणामान्तरं मापितानि, निर्जीर्णानि - क्षीणरसीकृतानि निःसृतानि - जीवमदेशेभ्यो निर्गतानि, अतो णाम की अपेक्षा और दूसरे परिणामरूप से उन्हें किया है- परिणमाया है, प्रस्थापित - उन्हें स्थिर किया है, निविष्ट-स्थिर किया है इसी कारण जीवने उन्हें स्वयं प्रवेश कराया है, अभिनिविष्ट-प्रवेशकराया है इसीलिये वे सम्पूर्णरूप से जीव के साथ संलग्न हो गये हैं, अभिसमन्वागत जीव के साथ या जीव में जब वे सम्पूर्णरूप से संलग्न हो चुके हैंतब ही जीवने उन्हें रसानुभूति को लेकर प्राप्त किया है- अर्थात्-औदारिकशरीर के प्रायोग्य लगे हुए उन पुद्गलद्रव्यों का रसानुभव किया है, 'परियाइयाई, परिणामियाई, निज्जिन्नाई, निसिरियाई, निसिडाई, भवंति ' रसानुभव भी ऐसा किया है कि एक भी अवयव उनका ऐसा नहीं बचा जो अपने रसप्रदान के बिना रह गया हो, इस रूप से जीवने उन्हें ग्रहण किया है, परिणामित - रसानुभूतिद्वारा फिर वे परिणामान्तरको प्राप्त करा दिये गये हैं, निर्जीण-क्षीणरसवाले किये गये हैं,. निर्गत- जीवप्रदेशों से निकले हुए हैं, इसीलिये जीवने उन्हें अपने
३ तेभने पश्शुिमित र्ध्या छे, तेभने प्रस्थापित (स्थिर) य' छे, तेभने નિવિષ્ટ કરાવ્યા છે—સ્થિર કરેલ હોવાને કારણે જીવે પાતે તેમને પ્રવેશ કરાયેા છે, અભિનિવિષ્ટ કરાવ્યા છે—પ્રવેશ કરાવીને આત્માની સાથે સ’પૂર્ણ રૂપે સલગ્ન કરાવ્યા છે, અભિસમન્વાગત કર્યો છે—જીવની સાથે અથવા જીવમાં જ્યારે તેઓ સપૂર્ણ રૂપે સલગ્ન થઇ ચુકયા હૈાય છે ત્યારે જ જીવે તેમને રસાનુભૂતિની અપેક્ષાએ પ્રાપ્ત કર્યાં છે—એટલે કે ઔદારિક શરીરને ચેાગ્ય येषां ते सक्षम युगसद्द्रव्यानो रसानुभव भयो छे, परियाइयाइ, परिणामिया निजिन्नाइ, निखिरियाई, निसिट्टाई भवंति ” रसानुभव पशु मेवो ये છે કે એક પણ અવયવ રસપ્રદાન વિનાનું રહી ન જાય એ રીતે જીવે તે પુદ્દગલાને શણ કર્યાં છે, તેમને અન્ય પરિણામ રૂપે પરિશુમિત કરાવવામાં भावेश छे, निलम् (श्रीरवाणां ) उरायल छे, निर्गत (लवप्रदेशाभांथी
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