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________________ भगवतीसूत्र भंते ! नेरड्या नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा, जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेलत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए दो सकरप्पभाए होज्जा, जाव अहवाएंगे रयणप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा ६। अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए होज्जा, जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२, अहवा एगे सकरप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा, जाव, अहवा एगे सकरप्पभाए, दोअहेसत्तमाए होज्जा१७, अहवा दो सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा, जाव अहवा दो सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा २२ । एवं जहा सक्करप्पभाए वत्तव्यया भणिया तह सवपुढवीणं भाणियव्वा, जाव अहवा दो तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा, ४-४-३.३.२-२-१-१ (४२) अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए होज्जा, एगे वालुयप्पभाए होज्जा?,अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जार, जाव अहवा एगेरयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा५, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालय-प्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जाद, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा७, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होजा९,अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होजा १०, जाव अहवा
SR No.009318
Book TitleBhagwati Sutra Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size40 MB
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