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treat टीका श. ८ उ ८ सू ३ कर्मबन्धस्वरूपनिरूपणम्
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अथ प्रतिपद्यमानापेक्षयाऽऽह - 'पडिवज्ञमाणए पडच मणुस्सो वा बंधह ? ।' प्रतिपद्यमानकान् प्रतीत्य आश्रित्य तु ऐर्यापथिक कर्म मनुष्यो वा बध्नाति ?, अयमाशयः-ऐर्यापथिककर्मवन्धस्य प्रथमसमयवर्तिनः केवलोत्पत्तौ प्रथमसमय इत्यर्थः मनुष्याः प्रतिपद्यमानका उच्यन्ते, एपां च विरहसंभवात् एकदा मनुष्यश्च मनुयायोगे एकत्व - बहुत्वाभ्यां चत्वारो विकल्पाः, तथा द्विक्संयोगेऽपि चटवारो विकल्पाः, एवंरीत्या सर्वे अष्टौ विकल्पा भवन्ति इत्यभिप्रायेणाह - ' मणुस्सो वा इत्यादि । अथ एकैकसंयोगे द्वितीयादिविकल्पानाह - ' मणुस्सी वा चंधड़ २' प्रतिकर्म का बंध होता है दूसरों को नहीं होता है, इसी अभिप्राय को लेकर सूत्रकार ने 'सगुस्सा य मणुस्सीओ य' ऐसा कहा है ।
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अथ सूत्रकार प्रतिपद्यमानक जीवों की अपेक्षासे ऐसा कहते हैं- पडिव - ज्जमाणए पडुच्च मणुस्लो वा बंधइ' कि प्रतिपद्यमानक जीवोंको आश्रित करके तो ऐप कर्म का बंध मनुष्य करता है, इसका आशय ऐसा है - ऐर्यापथिक कर्म बंध के प्रथम समय में जो वर्तमान हों-अर्थात् वीतराग अवस्था की प्राप्ति के प्रथम समय में जो मौजूद हों - ऐसे मनुष्य प्रतिपद्यमानक कहलाते हैं इनका विरह संभवित होने से एक समय में एक मनुष्य और अनेक मनुष्य इनके एक एक के योग में एकत्व और बहुत्व को लेकर चार विकल्प होते हैं । तथा द्विक संयोग में भी चार विकल्प होते हैं । इस रीति से सब आठ विकल्प होते हैं । इसी अभिप्राय को लेकर सूत्रकर ने ऐसा कहा है ' मणुस्सो वा ' इत्यादि । अब एक एक के संयोग में अन्य द्वितीयादि विकल्पों को सूत्रकार कहते हैं- ' मणुस्सी वा बंध' २ प्रतिपद्यमानक की अपेक्षा मनुष्षत्री ऐर्या
सीओ य ) " મનુષ્યા અને મનુષ્ય સ્ત્રીએ જ ઐાઁપથિક કમ બાંધે છે. 21
हुवे सूत्रार प्रतिपद्यभाननी अपेक्षाओ नीचे प्रमाणे उडे छे - ( पडिवज्जमार पडुच्च मणुस्म्रो वा वधइ ) ( १ ) प्रतिपद्यमान लवोनी अपेक्षा भैर्याપથિક ક'ના મધ મનુષ્ય કરે છે. ઐય્યપથિક કખ ધના પ્રથમ સમયમાં જે વર્તમાન ( મેાજૂદ ) હાય-એટલે કે વીતરાગ અવસ્થાની પ્રાપ્તિના પ્રથમ સમ યમાં જે માશુદ હાય-એવાં મનુષ્યને પ્રતિપદ્યમાનક કહે છે. તેમને વિરહ સભવિત હાવાથી એક સમયમાં એક મનુષ્ય અને અનેક મનુષ્યના એક એકના ચેાગમાં એકત્વ અને બહુત્વની અપેક્ષાએ ચાર વિકલ્પ બને છે તથા ક્રિક સ'ચાગથી પણ ચાર વિકલ્પ બને છે. આ રીતે કુલ આઠ વિકલ્પ નીચે પ્રમાણે અને છે—(૧) પ્રતિપદ્યમાનની અપેક્ષાએ મનુષ્ય (એક વયનમા ) એયોપથિક हर्मनो रे छे. (२) " मणुस्वी वा बधइ " अतिपवमानना अपेक्षाये