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shree for टी००८ उ. ९ १० औदारिका दिषन्धस्य परस्परसम्यन्धनि० ४
रस्य देशवन्ध, खलु भदन्त ! औदारिकशरीरस्य किं वन्धक, अवन्धकः ? गौतम 1 वन्धको वा, अवन्धको वा, यदि वन्धकः किं देशवन्धकः ? सर्वबन्धकः ? गौतम ! देशबन्धको वा, सर्वबन्धको वा, वैक्रियशरीरस्य किं वन्धकः, अवन्धकः ? एवं चैव, एवम् आहारकशरीरस्यापि, कार्मणशरीरस्य किं वन्धकः, अवन्धकः ?
वैक्रिय शरीर का बंधक नहीं होता है । तैजस और कार्मणशरीर का वह देशधक होता है। (जस्स णं भंते । तेयासरीरस्स देसवधे से णं भंते! ओरालिसरीरस्स किं बंधए, अवधए ) हे भदन्त ! जो जीव तैजसशरीर का देशबंधक होता है वह क्या औदारिक शरीर का बंधक होता है या अबंधक होता है ? (गोयमा ) हे गौतम । तैजसशरीर का देशबंधक जीव (बंध अधए वा ) औदारिक शरीर का बंधक भी होता है और अबंधक भी होता है । (जह बंधए कि सबंध सव्वचंध ) हे भदन्त ! तेजस शरीर का देश बन्धक जीव यदि औदारिक शरीर का बंधक होता है तो क्या वह उसका देशवंवक होता है या सर्वबंधक होता है ? ( गोयमा ) हे गौतम ! ( देसवधए वा सव्वधए वा ) वह औदारिक शरीर का देशवंधक भी होता है और सर्वबंधक भी होता है । ( वेउorrect किं वधए, अबंध) हे भदन्त । तैजसशरीर का देशव धक जीव वैक्रियशरीर का बंधक होता है या अबंधक होता है ? (गोधमा )
જીવ વૈજસ અને કાણુ શરીરના દેશખ ધક હેાય છે-સધક હેાઞા નથી.
( जणं भंते ! तेयासरीरस्स देसबधे, से णं भते ! ओराठियसरीरस्स किं वधर, अव ध १ ) डे लहन्त ! तैस शरीरनो देशमध होय છે, તે શું દ્રારિક શરીરના ખધક હાય છે, કે અખધક હાય છે ? ( गोयमा ! ) हे गौतम | तैस शरीरने देशमध व ( बंधए अवधवा ) मोहारि शरीरनो घर पशु होय छे भने ६४ यात्रु होय छे. ( जइ 'ए कि देear सन्जय घए १ ) डे लहन्त ! तैम्स शरीरने देशण धव જો ઔદારિક શરીરનેા બધક ડાય છે, તે શું તે તેના દેશખધક હાય છે, हे सर्व ध होय छे ? ( गोयमा ! ) हे गौतम । ते मोहारिए शरीरनो देश होय छे अने सर्वधायु होय छे. ( वेडव्वियसरीरस्स किं बंध, अधर १ ३ लहन्त । तैक्स शरीरनो देशमध व शु वैडिय शरीश्नो अधिक होय छे, } अध होय हे ? ( गोयमा 1 ) डे गीतभ ! ( एवं बेब, एवं आहारगवरीर बि ) तैक्स शरीरनो देशम पत्र वैश्यि शरी